मनरेगा श्रमिकों ने भुगतान को लेकर ब्लाक मुख्यायल पर किया प्रदर्शन

छानबे ब्लाक मुख्यालय पर धौरहरा गांव के दो दर्जन से अधिक मनरेगा श्रमिकों ने मजदूरी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। भुगतान न होने से घरों में चूल्हे तक नहीं जल पा रहे है जिसके कारण परिवार व बच्चे भूखे सोने को विवश है। आरोप लगाया कि कई बार संबंधित ब्लाक अधिकारी व प्रधान से गुहार लगाई बैंक का चक्कर लगाया लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई जबकि सरकार मनरेगा श्रमिकों के प्रति गंभीर है। इसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है काम करने के बाद भी दौड़ाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 07:03 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 07:03 PM (IST)
मनरेगा श्रमिकों ने भुगतान को लेकर ब्लाक मुख्यायल पर किया प्रदर्शन
मनरेगा श्रमिकों ने भुगतान को लेकर ब्लाक मुख्यायल पर किया प्रदर्शन

जासं, गैपुरा (मीरजापुर) : छानबे ब्लाक मुख्यालय पर धौरहरा गांव के दो दर्जन से अधिक मनरेगा श्रमिकों ने मजदूरी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। भुगतान न होने से घरों में चूल्हे तक नहीं जल पा रहे है जिसके कारण परिवार व बच्चे भूखे सोने को विवश है। आरोप लगाया कि कई बार संबंधित ब्लाक अधिकारी व प्रधान से गुहार लगाई बैंक का चक्कर लगाया लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई जबकि सरकार मनरेगा श्रमिकों के प्रति गंभीर है। इसके बाद भी लापरवाही बरती जा रही है काम करने के बाद भी दौड़ाया जा रहा है।

मनरेगा श्रमिकों ने बताया कि ग्राम पंचायत धौरहरा के तालाब खोदाई में 28 दिन से 42 दिन तक मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। ब्लॉक मुख्यालय और बैंक का चक्कर लगाते लगाते परेशान है। श्रमिक काम करें या मजदूरी के लिए ब्लॉक से बैंक तक चक्कर लगाए। बताया कि इसमें लगभग आधा दर्जन से अधिक प्रवासी भी शामिल है। जिसमे मुंशीलाल, गणेश कुमार, मोहम्मद नसीम, पीर मोहम्मद, अनिल कुमार, देव बहादुर, आशीष और आशु सहित अन्य मजदूर भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। श्रमिक कैलाश नाथ ने बताया कि 42 दिन से मनरेगा के तहत काम किया लेकिन अभी तक मजदूरी नहीं मिली। इसी प्रकार अमित कुमार 39, विक्की 35 व मुंशीलाल 31 दिन समेत पंचू, पूजन, पप्पू सहित अन्य श्रमिक भी इसी तरह काम करके भुगतान के लिए परेशान है। इस संबंध में ग्राम विकास अधिकारी हरिश्चंद्र बिद ने बताया कि सभी श्रमिकों का मस्टररोल भरकर एमआईएस करा दिया गया है, भुगतान पीएफएमएस के माध्यम से शासन द्वारा किया जाता है। फिर भी बैंक में जाकर पता लगाया जाएगा कि किन कारणों से मजदूरी खाते में ट्रांसफर नहीं की गई।

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