एससी-एसटी संशोधन एक्ट के विरोध में लोकदल का प्रदर्शन
लोकदल के कार्यकर्ताओं ने एससी एसटी संशोधन एक्ट के विरोध में बुधवार को फतहां स्थित डाक बंगले में बैठक किया और इसके बाद नगर में पैदल यात्रा निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर एक्ट का विरोध जताया। जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को पत्रक भेजकर अनुसूचित जाति जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम में लाए गए संशोधन एक्ट को समाप्त करने की मांग किया।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : लोकदल के कार्यकर्ताओं ने एससी-एसटी संशोधन एक्ट के विरोध में बुधवार को फतहां स्थित डाक बंगले में बैठक किया और इसके बाद नगर में पैदल यात्रा निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर एक्ट का विरोध जताया। जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को पत्रक भेजकर अनुसूचित जाति-जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम में लाए गए संशोधन एक्ट को समाप्त करने की मांग की।
लोकदल के जिलाध्यक्ष घनश्याम ओझा ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि सामान्य, पिछड़ा, अल्प संख्यक समुदाय के हितों, मान, सम्मान, स्वाभिमान की रक्षा करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को पलटकर एक बार पुन: भारतीय संसद ने अंग्रेजी हुकूमत की याद दिला दी। इस कानून को लोकहित में तत्काल समाप्त करना ही न्याय संगत होगा। कहा कि कानून को हथियार बनाकर मुकदमा पंजीकृत कराने के लिए प्रार्थना पत्र देने वाले व्यक्ति की संपूर्ण जांच पुलिस विभाग के राजपत्रित अधिकारी द्वारा कराने के बाद ही मुकदमा पंजीकृत किया जाना चाहिए। आरोपी बनाए गए व्यक्ति की तत्काल गिरफ्तारी न की जाए। मामले में आरोपी बनाए गए व्यक्ति को सामान्य न्यायालय से ही अग्रिम जमानत दी जाए और आरोपी बनाए गए व्यक्ति के दोष मुक्त होने पर फंसाने वाले व्यक्ति पर 10 लाख का जुर्माना और सश्रम कारावास की सजा दी जाए। कहा कि सरकारी और निजी संस्थानों में कार्य करने वाले कर्मचारियों की गिरफ्तारी इस मामले में दोष सिद्ध होने तक नही किया जाए। इस दौरान जयराम पांडेय, नितिन कुमार शुक्ला, मुकुंद लाल, लालता, आशीष कुमार तिवारी, अमित कुमार ¨सह, ¨वध्यवासिनी उपाध्याय, अश्वनी कुमार, शिवम गुप्ता, वकील अहमद आदि मौजूद रहे।