मीरजापुर की धरोहर हैं डा. काशी प्रसाद जायसवाल
भरूहना स्थित जीडी बिनानी पीजी कालेज में शनिवार को आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत डा. काशी प्रसाद जायसवाल की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : भरूहना स्थित जीडी बिनानी पीजी कालेज में शनिवार को आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत डा. काशी प्रसाद जायसवाल की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। कहा कि काशी प्रसाद इतिहास व पुरातत्व के अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वान थे। काशी प्रसाद जायसवाल काशी नागरी प्रचारिणी सभा के उपमंत्री भी थे। इन्होंने बिहार रिसर्च जनरल व पाटलीपुत्र नामक पत्रों का संपादन भी किया था।
पटना संग्रहालय की स्थापना में इनका महत्वपूर्ण योगदान था। इतिहास और मुद्रा विषयक अनेक सम्मेलनों की अध्यक्षता काशी प्रसाद ने की थी। गोष्ठी के मुख्य अतिथि पुलिस उप महानिरीक्षक आरके भारद्वाज थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर पालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने कहा कि डा. काशी प्रसाद जायसवाल मीरजापुर की धरोहर हैं। स्वागताकांक्षी बीना सिंह, कार्यक्रम संयोजक ध्रुव पांडेय थे। इस दौरान डा. ब्रजदेव पांडेय, एआरटीओ विवेक शुक्ला आदि थे।
वहीं, डा. काशी प्रसाद जायसवाल समाज सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की बैठक चील्ह बाजार चौराहे पर शनिवार को रमेश जायसवाल के आवास पर हुई। मुख्य अतिथि अजय यादव, विशेष अतिथि ट्रस्ट के संरक्षक मनोज जायसवाल व अति विशिष्ट अतिथि विजय शंकर केसरी, सूरज जायसवाल ने महापुरुष के चित्र पर माल्यार्पण किया। मुख्य अतिथि अजय सिंह ने बताया कि डा. काशी प्रसाद जायसवाल का जन्म 27 नवंबर 1881 में मीरजापुर के प्रसिद्ध रईस परिवार महादेव प्रसाद जायसवाल के घर हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मीरजापुर में हुई फिर बनारस उसके बाद इंग्लैंड में 1906 से 1910 तक हुई। उनको तीन डिग्री मिली। इसमें ला, इतिहास व चीनी भाषा की शामिल है। इन्हें डेढ़ हजार रुपये स्कालर शीप भी मिला। इनका संबंध वीडी सावरकर, लाल हरदयाल जैसे क्रांतिकारियों से था, इससे पुलिस की नजर में आ गए थे। कब्जा किए गए धर्मशाला को खाली कराने के लिए करण जायसवाल के नेतृत्व में थाना दिवस पर एक प्रार्थना पत्र भी दिया गया। इस दौरान विजय गुप्ता, रमेश राज जायसवाल, विजय शंकर केशरी, रामजी स्वर्णकार, सूरज जायसवाल, रामजी यादव, दीनदयाल, रामकिशन जायसवाल, लंबू टेलर, राजेश साहनी, रूप चंद गुप्ता, सुभाष सोनकर, सुरेश कुमार यादवआदि मौजूद थे।