पूर्वाचल में टीएमसी को मजबूत करेंगे ललितेश

मड़िहान के पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी के कांग्रेस का साथ छोड़ने के बाद चल रहे कयासों पर आखिरकार सोमवार को पूर्ण विराम लग ही गया। उन्होंने पिता राजेशपति त्रिपाठी के साथ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। विधानसभा चुनाव के पहले जनाधार एकत्र करने निकलीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को उनकी प्रतिज्ञा यात्रा के पहले दिन ही ललितेशपति ने जोर का झटका दे दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:34 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:34 PM (IST)
पूर्वाचल में टीएमसी को मजबूत करेंगे ललितेश
पूर्वाचल में टीएमसी को मजबूत करेंगे ललितेश

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मड़िहान के पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी के कांग्रेस का साथ छोड़ने के बाद चल रहे कयासों पर आखिरकार सोमवार को पूर्ण विराम लग ही गया। उन्होंने पिता राजेशपति त्रिपाठी के साथ तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। विधानसभा चुनाव के पहले जनाधार एकत्र करने निकलीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को उनकी प्रतिज्ञा यात्रा के पहले दिन ही ललितेशपति ने जोर का झटका दे दिया। जनपद में ललितेश द्वारा पार्टी का साथ छोड़ने से कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। फिलहाल वर्तमान परिस्थितियों में ललितेश के कंधों पर मीरजापुर सहित पूरे प्रदेश में टीएमसी को खड़ा करने की जिम्मेदारी रहेगी। ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि नए संघर्ष के लिए वह तैयार हैं और अब बड़ा संघर्ष होगा। लोगों को ऐसा नेतृत्व मिला है, जिस पर देश की जनता को विश्वास होगा।

चुनावी आहट के बीच यूपी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्वांचल के साथ ही उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की राजनीति की धूरी रहे औरंगाबाद हाउस का पार्टी से सौ साल से भी पुराना नाता आखिरकार सोमवार को पूरी तरह से टूट ही गया। पं. कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र और परिवार की चौथी पीढ़ी के नेता ललितेशपति त्रिपाठी ने कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देने के बाद सोमवार को टीएमसी का दामन थाम लिया। ललितेशपति त्रिपाठी के टीएमसी में जाने से पूर्वांचल में दशकों से पैर जमाए कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। 2017 के चुनाव के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में एक के बाद चुनाव हारने के बाद से ही ललितेश खुद को अकेला महसूस कर रहे थे। उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले पूर्व मड़िहान विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने बीते सितंबर माह में कांग्रेस छोड़ने का एलान किया था। आखिरकार 23 सितंबर को कांग्रेस छोड़ने के बाद कई दिनों तक बिना पार्टी के ही आपसी लोगों से मंत्रणा करने के बाद अब ललितेशपति त्रिपाठी ने टीएमसी की सदस्यता ले ली है। वर्जन-

उत्तर प्रदेश के लोग बहुत जागरूक हैं, जहां तक लगता नहीं है कि कोई विकल्प है। प्रदेश के लोगों ने समय-समय पर विकल्प खड़ा करने का काम किया है। उत्तर प्रदेश के लोगों को भरोसा दिलाएंगे कि हम ही लोग भाजपा के खिलाफ लड़ सकते हैं। बंगाल के लोगों ने यह संदेश भेजने का काम किया है। वह संदेश स्वीकार्य है इसीलिए ममता दीदी के पास हम लोग आए हैं, आगे क्या होगा यह समय बताएगा। टीएमसी में शामिल होने के बाद उत्तर प्रदेश में टीएमसी को फायदा मिलेगा। यही नहीं, पूर्वांचल में भी टीएमसी को मजबूती मिलेगी।

- ललितेशपति त्रिपाठी, पूर्व विधायक मड़िहान।

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