-आम बजट से न बिगड़े गृहणियों के किचन का बजट

आम बजट का जिक्र आते ही महिलाओं की चिता बढ़ने लगती है कि कहीं सरकार द्वारा पेश आम बजट से गृहणियों के किचन का बजट ही न बिगड़ जाए। सभी वर्गो के साथ ही घर की महिलाएं खासकर कामकाजी महिलाएं भी आम बजट पर निगाहे टिकाए हुए बैठी हैं। पेट्रो पदार्थो की दामों में निरंतर बढ़ोत्तरी से रसोई गैस सब्जी अनाज आदि के दाम आसमान छूने लगते हैं इससे महीने में मिलने वाले बजट में घर चलाना मुश्किल हो जाता है। वर्तमान समय में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के महिला होने के कारण और भी आशाएं बढ़ी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 05:21 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 05:21 PM (IST)
-आम बजट से न बिगड़े गृहणियों के किचन का बजट
-आम बजट से न बिगड़े गृहणियों के किचन का बजट

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आम बजट का जिक्र आते ही महिलाओं की चिता बढ़ने लगती है, कि कहीं सरकार द्वारा पेश आम बजट से गृहणियों के किचन का बजट ही न बिगड़ जाए। सभी वर्गो के साथ ही घर की महिलाएं खासकर कामकाजी महिलाएं भी आम बजट पर निगाहे टिकाए हुए बैठी हैं। पेट्रो पदार्थो की दामों में निरंतर बढ़ोत्तरी से रसोई गैस, सब्जी, अनाज आदि के दाम आसमान छूने लगते हैं, इससे महीने में मिलने वाले बजट में घर चलाना मुश्किल हो जाता है। वर्तमान समय में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के महिला होने के कारण और भी आशाएं बढ़ी है।

आम बजट का सबसे ज्यादा असर घर की अर्थव्यस्था पर पड़ता है। इसके चलते घर की जिम्मेदारी संभालने वाली महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते आम बजट पर निगाहें लगी हुई है। आम बजट में महंगाई बढ़ते ही घर का बजट गड़बड़ा जाता है। चाहे बात रसोई गैस की हो या फिर सामानों की। माल किराया बढ़ते ही इसका असर सामानों पर पड़ने लगता है। महिलाओं का मानना है कि बालिकाओं की शिक्षा के लिए और कदम उठाए जाने चाहिए क्योंकि हमारा जिला अभी भी बालिका शिक्षा खासकर उच्च शिक्षा में काफी पीछे है। महिला सुरक्षा पर भी सरकार को प्रावधान करना चाहिए।

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मध्यम वर्गीय लोगों को आम बजट में राहत देनी चाहिए और आम बजट में विकास को तरजीह दी जाए। जीएसटी की दरों में कमी करने से व्यापारियों को राहत मिलेगी।

- बीना श्रीवास्तव।

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सरकार द्वारा आम बजट में पेट्रोल व डीजल पर सेस को कम किया जाए, इससे आवश्यक सामानों की ढुलाई सस्ती होगी। सामानों की ढुलाई सस्ती होने से सामानों का दाम कम होगा और इसका बोझ आम जनता पर नहीं पड़ेगा। सरकार को पेट्रो मूल्य के दामों में बढ़ोत्तरी नहीं करनी चाहिए।

- किरन प्रकाश, शिक्षक।

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नौकरी पेशा महिलाओं को सरकार द्वारा आम बजट में ध्यान रखना चाहिए। महिलाओं को आम बजट में कुछ रियायत देनी चाहिए। हाउसिग लोन पर छूट के साथ ही बजट में मिडिल क्लास को ध्यान रखना चाहिए।

- शोभा श्रीवास्तव।

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सरकार द्वारा पेट्रो पदार्थो के दामों में की जा रही बढ़ोत्तरी को कम करना चाहिए। इसका सारा बोझ अंत में रसोईघर में ही गिरता है। इस बार गृहणियों की रसोई का बजट नहीं बिगड़े, सरकार को ध्यान देना चाहिए।।

- मनीषा श्रीवास्तव।

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सरकार द्वारा आगामी दिनों में पेश किए जाने वाले आम बजट में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों, किसानों और नौकरी पेशा लोगों का खास तवज्जो देना चाहिए। जीएसटी के चार स्लैब को कम करें तो कुछ सहुलियत मिले।

- भारती अस्थाना, शिक्षक।

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सरकार दो हेक्टेअर तक के लघु एवं सीमांत किसानों को 6 हजार रुपये प्रति वर्ष की धनराशि प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि से आर्थिक मदद कर रही है। इससे किसानों को आर्थिक तंगी से उबारने में काफी सहायता मिल रही है। सरकार को किसानों को अन्य सुविधाएं देनी चाहिए।

- प्रियंका गुप्ता।

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बजट चाहे जैसा हो घर का बजट नहीं बिगड़ना चाहिए। सरकार जो भी बजट पेश करे, उसमें घरेलू उपयोग की वस्तुओं का दाम न बढ़े, यही हमारे लिए ज्यादा जरुरी है।

- चंद्रकला पांडेय।

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वर्तमान में कास्मेटिक बाजार एक बड़ा बाजार है। सरकार को कास्मेटिक सामानों पर टैक्स को कम करना चाहिए। जीएसटी कम लगाने से ऐसे सामान सस्ते होंगे। परिवार को देखते हुए अनाज व स्टेशनरी के दामों पर कमी लानी चाहिए।

- कामिनी पांडेय।

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चुनौतियां :

सरकार द्वारा पेट्रो मूल्य के दामों में कमी करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। लोगों का मानना है कि सरकार को पेट्रोल व डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। जीएसटी के दायरे में लाने से पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों में अंकुश लगने की संभावना है।

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संभावनाएं

गृहणियों को आशा है कि सरकार आगामी आम बजट में पेट्रो पदार्थो के दामों में कुछ कमी करेगी। पेट्रो पदार्थो के दामों में कमी करने से ही अनाज, सब्जी सहित अन्य जरूरी सामानों पर लगने वाला अधिक किराया कम होगा और सामानों के दामों में कमी आएगी। इससे महिलाओं के किचन का बजट भी संतुलित बन सकेगा।

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