घाटी में मिले दोनों शवों की शिनाख्त, एक अपराधी तो दूसरा छात्र

जागरण संवाददाता अहरौरा (मीरजापुर) हत्यारे चाहे कितना भी शातिर हों लेकिन कोई न क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 06:30 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 06:30 PM (IST)
घाटी में मिले दोनों शवों की शिनाख्त, एक अपराधी तो दूसरा छात्र
घाटी में मिले दोनों शवों की शिनाख्त, एक अपराधी तो दूसरा छात्र

जागरण संवाददाता, अहरौरा (मीरजापुर) : हत्यारे चाहे कितना भी शातिर हों, लेकिन कोई न कोई सुराग छोड़ ही देते हैं। वाराणसी के दो युवकों की हत्या के बाद शव की पहचान छिपाने के लिए उसे जला दिया गया। शव का आधा से ज्यादा भाग जल गया, लेकिन युवकों ने अपने हाथों में जो निशान बना रखे थे, उसे हत्यारे नहीं मिटा सके और उसी से पहचान कर ली गई।

एक शव की पहचान उसकी बड़ी बहन प्रतिमा पांडेय ने रवि पांडेय के हाथ की कलाई पर आयुषी लिखा देखकर किया तो वहीं दूसरे की कलाई पर ओम लिखा होने से वाराणसी के टाप टेन अपराधी शुभम केसरी के रूप में की गई। बीकाम के छात्र और टाप टेन अपराधी का एक साथ अधजला शव मिलते ही हत्या की गुत्थी उलझ गई।

शनिवार की सुबह दैनिक जागरण में मीरजापुर के अहरौरा क्षेत्र में दो शव मिलने की खबर पढ़कर वाराणसी के महमूरगंज निवासी प्रतिमा पांडेय अपने पिता अशोक पांडेय के साथ अहरौरा थाने पहुंची। यहां उन्होंने पुलिस से शुक्रवार को छातों गांव में मिले दो अज्ञात शव को देखने की बात कहने लगी। पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर चुनार स्थित चीरघर पहुंची। दोनों शवों को दिखाया तो एक शव के हाथ की कलाई के पास आयुषी नाम गुदा हुआ देखते ही प्रतिमा रोने लगी। कहने लगी कि भाई आखिर कैसे हो गई तुम्हारी मौत। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जो भाई उसे सबसे ज्यादा मानता था और घर का दुलारा था, उसकी हत्या कर शव को छातों गांव स्थित पहाड़ की खाई में जलाकर फेंक दिया गया। प्रतिमा पांडेय ने बताया कि उसके पिता अशोक पांडे की तीन संतानों में वह सबसे बड़ी बेटी है। दूसरे नंबर पर छोटी बहन प्रिया पांडेय व सबसे छोटा भाई रवि पांडेय (24) था। रवि हरिश्चंद्र कालेज वाराणसी में बीकाम तृतीय वर्ष का छात्र था। बीते 22 दिसंबर की शाम रवि घर से दोस्त के साथ किसी से मिलने चला गया था। देर रात तक घर नहीं लौटा तो भेलूपुर थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। वे लोग रवि की तलाश कर रहे थे कि अखबारों में दो युवकों की हत्या कर शव अहरौरा में फेंकने की खबर आई तो सभी सन्न रह गए। आशंका के आधार पर यहां आई तो एक शव रवि का निकला। वहीं वाराणसी के टाप टेन अपराधी में शुमार शुभम केसरी के शव की शिनाख्त उसके भाई शिवम ने उसके हाथ में गुदे हुए ओम नाम से की। शुभम केसरी (27) पुत्र रमाशंकर केसरी निवासी गोला दीनानाथ थाना कोतवाली जनपद वाराणसी के शातिर अपराधियों में गिना जाता था। एक छात्र तो दूसरा शातिर टाप टेन बदमाश का शव साथ मिलने से पुलिस हैरत में पड़ गई है। छोटे भाई शिवम ने थाने में तहरीर दी है कि उसके भाई शुभम केसरी अपने दोस्त रवि पांडेय के साथ 22 दिसंबर की शाम को सुनील गुप्ता के घर गए थे। वहां से तीनों शाम छह बजे एक गाड़ी पर बैठकर कहीं चले गए। उसके बाद से रवि व शुभम का कोई पता नहीं चल सका। शिवम ने तहरीर में बताया है कि कुछ दिन पूर्व वह किसी मुकदमे के सिलसिले में हाईकोर्ट गया था। वहां से लौटा तो पांच जनवरी को उसने कोतवाली में शुभम की गुमशुदगी का मुकदमा पंजीकृत कराया। सुनील गुप्ता भी तभी से लापता है। वाराणसी निवासी रवि पांडेय व शुभम केसरी की हत्या की वजह अभी राज बना हुआ है।

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