उच्च न्यायालय ने सीएमओ को कोर्ट में किया तलब
-एएनएम सेंटर शासन से आदेश मिलने के बाद भी नहीं गिराया गया -दो अगस्त को संबंधित पत्रावली के
-एएनएम सेंटर शासन से आदेश मिलने के बाद भी नहीं गिराया गया
-दो अगस्त को संबंधित पत्रावली के साथ पेश होने को कहा जागरण संवाददाता, अदलहाट (मीरजापुर): क्षेत्र के कोलना ग्राम स्थित एएनएम सेंटर को शासन द्वारा गिराए जाने के मिले आदेश के बाद भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने पर उच्च न्यायालय ने मुख्य चिकित्साधिकारी मीरजापुर को दो अगस्त के दिन कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट ने उन्हें इस प्रकरण की पूरी पत्रावली के साथ उपस्थित होने का आदेश दिया है।
कोलना गांव की कुल आबादी लगभग आठ हजार है। यहां वर्ष 1984 में मातृ शिशु कल्याण केंद्र (एएनएम सेंटर) की नींव रखी गई थी जो अब जर्जर हो चुकी है। इसको गिराकर पुन: नवनिर्माण व अवैध अतिक्रमण को खाली कराने को लेकर दो वर्ष पूर्व गांव के समाजसेवी सतेंद्र सिंह ने शासन व संबंधित विभाग तथा जिला प्रशासन को पत्र लिखा था। इस पर काफी दिनों बाद ध्वस्तीकरण का आदेश मिला, लेकिन अभी तक उचित कार्यवाही न होने पर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई। इस पर सुनवाई करते हुए 18 जून को उच्च न्यायालय ने शासन के अधिवक्ता से पूछा कि जब शासन से इसे गिराने का आदेश मिला है उसके बाद भी इस पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। यह ध्वस्तीकरण कब होगा, कहां पर बनेगा और जब तक यह बन कर तैयार नहीं होता तब तक आठ हजार आबादी के इस गांव की व्यवस्था कैसे चलेगी। उच्च न्यायालय ने जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया है कि मौके का निरीक्षण कर उप जिलाधिकारी चुनार व जिलाधिकारी को अवगत कराने के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी को पूरे विवरण के साथ दो अगस्त को न्यायालय में तलब किया है।