हॉलमार्किंग से मिलावटी सोना बेचने पर लगेगी रोक

जागरण संवाददाता मीरजापुर अब सोने-चांदी की ज्वेलरी खरीदने पर किसी प्रकार की चिता नही

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 08:02 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 08:02 PM (IST)
हॉलमार्किंग से मिलावटी सोना बेचने पर लगेगी रोक
हॉलमार्किंग से मिलावटी सोना बेचने पर लगेगी रोक

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अब सोने-चांदी की ज्वेलरी खरीदने पर किसी प्रकार की चिता नहीं रहेगी। सभी दुकानों पर हॉलमार्किंग वाले सोने के आभूषण की ही बिक्री अनिवार्य किए जाने से ग्राहकों व दुकानदारों को फायदा होगा। भोली-भाली जनता आभूषण खरीद में ठगी से बचेगी तो एक नंबर में कारोबार करने वाले दुकानदारों का मनोबल बढ़ेगा।

हॉलमार्किंग से इस बात की गारंटी होती है कि जो सामान दुकानदार ने ग्राहक को बेचा है, वह उतने ही कैरेट का है, जितना आभूषण पर लिखा है। ग्राहक को ठगे जाने का एहसास हुआ तो वह दुकानदार के खिलाफ केस कर सकता है। अधिकतर बड़े ब्रांडेड दुकानदार तो पहले से हॉलमार्किंग वाला सोना बेचते हैं मगर गांव, कस्बों में ऐसे दुकानदार न के बराकर हैं। सोने की खरीद में अक्सर गांव की भोली-भाली जनता ही ठगी जाती है। हॉलमार्किंग ग्राहकों के लिए काफी फायदेमंद है। अगर आप हॉलमार्क वाली ज्वेलरी खरीदते हैं तो जब आप इसे बेचने जाएंगे तो किसी तरह की कीमत नहीं काटी जाएगी। इसका मतलब सोने की पूरी-पूरी कीमत मिलेगी। इसके अलावा जो सोना खरीदेंगे, उसकी गुणवत्ता की गारंटी होगी। इससे मिलावटी सोना बेचने पर रोक लगेगी और ग्राहकों को ठगे जाने का डर नहीं होगा। सराफा व्यवसायियों ने बताया कि हमें हॉलमार्किंग ज्वेलरी बेचने से परहेज नहीं है। हॉलमार्किंग वाली ज्वेलरी की बिक्री इतनी आसान नहीं :

सरकार ने भले हॉलमार्किंग को जरूरी बनाने संबंधी कानून पास कर दिया हो और भारतीय मानक ब्यूरो इसे लागू कराने के लिए तैयारियां कर रहा हो, लेकिन हॉलमार्किंग ज्वेलरी की बिक्री इतनी आसान नहीं है। कारण तैयारी अब तक शुरू नहीं होना है। हॉलमार्किंग लैब, मशीन आदि की जरूरत होगी। अब तक कोई तैयारी नहीं हुई है। हॉलमार्किग के लिए गणेशगंज में एक सेंटर खुला है, जहां से व्यवसायी गहनों पर हॉलमार्किंग कराते हैं। शुद्धता का प्रमाण है हॉलमार्किंग :

हॉलमार्किंग कीमती धातु का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकॉर्ड है। हॉलमार्किंग खरीदारों को सोना की असली-नकली पहचान करने में मदद करके उनके हितों की रक्षा करती है। हॉलमार्क बताता है कि खरीदा गया सोना कितने कैरेट का है। इसे किस केंद्र ने हॉलमार्किंग की है और क्या वह दुकान प्रामाणिक ज्वेलर की है या नहीं, जहां से सोना खरीदा है।

---------------------------- हम सब इसका लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। हॉलमार्किंग अनिवार्य न होने से एक नंबर के कारोबारियों को तमाम तरह की दिक्कतें होती थीं। सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द इसकी सुविधा भी की जाए।

- मनोज कुमार, सराफा व्यवसायी। लोगों में सस्ता खरीदने की भरपूर इच्छा होती है। अब तक इसका फायदा वह दुकानदार उठाते थे, जो बिना हॉलमार्किंग वाले आभूषण बेचते थे। सोना खरीदने के बाद लोगों को ठगी का एहसास होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

- पप्पू, सराफा व्यवसायी। केवल सर्टिफाइड या बीआईएस के लाइसेंसी ज्वेलर ही हॉलमार्किंग करवाने के पात्र होते हैं। हॉलमार्क प्रतिष्ठित भरोसेमंद ज्वेलरों और निर्माताओं को पता लगाने में मदद करती है। यह सुविधा शुरू होने से सराफा व ग्राहकों को भी फायदा होगा।

- धर्मेंद्र मिश्रा, सराफा व्यवसायी। हॉलमार्किंग अनिवार्य होने से ज्वेलरों द्वारा कम शुद्धता वाली ज्वेलरी को ज्यादा शुद्धता वाली बताकर ग्राहकों को बेचना संभव नहीं होगा।

- राजेश कुमार सोनी, सराफा व्यवसायी।

chat bot
आपका साथी