सरकार की आगामी नीति के विरोध में उतरे राइस मिलर्स
जागरण संवाददाता मीरजापुर मंगलवार को राइस मिलर्स ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर सरकार की
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मंगलवार को राइस मिलर्स ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर सरकार की नीति पर कड़ी नाराजगी जताई। राइस मिलर्स ने मिल संचालन न करने पर सहमति जताई।
मीरजापुर राइस मिल एसोसिएशन की बैठक उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष यूसी मिश्र की अध्यक्षता में बाजीराव कटरा में हुई। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार मिलर्स के साथ अच्छा बर्ताव नहीं कर रही है। बीते 20 वर्षाें से महज 10 रुपया प्रति कुंतल कुटाई का भुगतान किया जा रहा है जबकि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में कुटाई 25 रुपया दिया जा रहा है। वर्तमान समय में बिजली दर और जनरेटर संचालन के लिए डीजल का दाम 92 रुपया प्रति लीटर है।
मीरजापुर पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण हाइब्रिड धान की पैदावार ज्यादा हो रही है, जिसमें सरकारी मानक के अनुरूप 67 फीसद की तुलना में महज 58 से 60 फीसद चावल ही निकलता है। सरकारी दबाव के चलते मिलरों से 67 फीसद चावल की वसूली की जा रही है, जिससे वर्तमान समय में मिलर्स को काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। इससे मिल के संचालन में परेशानी हो रही है। राइस मिलर्स भुवनेश्वर नाथ तिवारी उर्फ तिवारी, सत्येंद्र पटेल, विनय सिंह, रमेश सिंह पटेल, सुनील कुमार गुप्ता, हरिशंकर, मुनीर अहमद, राकेश कुमार आदि ने सरकार से राइस मिलरों की समस्याओं को संज्ञान लेते हुए प्राथमिकता पर समाधान करने की मांग की।
गौरतलब है कि कोरोना काल में व्यापारियों को काफी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। राइस मिलरों ने सरकार से अपनी नीति में बदलाव कर उद्योगों को प्रोत्साहित करने की दिशा में कारगर कदम उठाने की मांग की है।