तीसरी लहर के लिए पुख्ता तैयारी नहीं
जागरण संवाददाता मीरजापुर कोरोना की तीसरी लहर आने में कुछ ही समय बचा हुआ है लेि
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोरोना की तीसरी लहर आने में कुछ ही समय बचा हुआ है, लेकिन इससे निपटने के लिए जनपद में कोई खास तैयारी नहीं की गई है। जनपद में कुल 53 सरकारी अस्पताल हैं। इसमें मंडलीय चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, आठ सीएचसी, आठ पीएचसी व 35 न्यू पीएचसी शामिल हैं, लेकिन किसी में तीसरी लहर से निपटने की कोई खास व्यवस्था नहीं की गई। थोड़ा सुधार जरूर किया गया है। मंडलीय चिकित्सालय में मात्र 155 बेड ही हैं, जबकि सीएचसी में 30 ,पीएचसी में चार तथा न्यू पीएचसी में दो बेड हैं। इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
दूसरी लहर में ऑक्सीजन से तड़प -तड़पकर लोगों की हुई मौतों को देखते हुए मंडलीय चिकित्सालय के सभी बेड को ऑक्सीजन युक्त कर दिया गया है। तीसरी में बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जाते हुए चिकित्सालय परिसर में बनाया जा रहा 100 बेड का पीकू चिकित्सालय भी बनकर तैयार नहीं हो सका। न डाक्टर की संख्या बढ़ी और न ही स्टाफ बढ़ाए गए। एल वन सेंटर तो एक साल पहले की बंद कर दिया गया। केवल एल टू सेंटर चल रहा है। मरीजों को प्रयागराज या वाराणसी के मेडिकल कालेज में भेजा जाता है।
50 बेड का एल टू चिकित्सालय
कोरोना से प्रभावित लोगों का इलाज करने के लिए जनपद में मात्र 50 बेड का एल - टू चिकित्सालय है। इसमें 18 बेड वेंटीलेटर के हैं जबकि 32 बेड आम संक्रमितों को भर्ती करने के लिए है। 30 बेड और बनाने के लिए बोला गया है, लेकिन अभी तक वह बनकर तैयार नहीं हा सका है। मंडलीय चिकित्सालय में दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित
मंडलीय चिकित्सालय में दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं। एक प्लांट प्रदेश सरकार की ओर से परिसर में लगाया गया है। जो एक मिनट में 300 लीटर ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है। 40 निजी चिकित्सालय
जनपद में 40 निजी चिकित्सालय है। इसमें कोरोना के दौरान इलाज करने पर मरीजों की कमर टूट गई। पांच दिन में मरीजों से ढाई लाख रुपये तक ले लिए गए। जनपद में डाक्टर समेत 1500 स्टाफ
जनपद में कहने को डाक्टर समेत कुल 1500 स्टाफ हैं लेकिन अधिकारी भी स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए अपना पल्ला झाड़ने लगते हैं। मंडलीय चिकित्सालय में डाक्टरों के 50 पद हैं। इसमें 40 तैनात हैं। स्टाफ नर्स का 60 पद है इसमें 50 तैनात है। फार्मासिस्ट छह हैं, इसमें चार तैनात हैं। इस प्रकार वार्ड ब्वाय व एल टी समेत अन्य स्टाफ है। जिला महिला चिकित्सालय में भी संविदा व नियमित डाक्टर को मिलाकर कुल 30 का पद हैं जिसमें 22 तैनात हैं। स्टाफ नर्स भी 40 में 30 तैनात हैं। वार्ड आया आदि अन्य स्टाफ भी हैं। इस तरह जिलेभर के सीएचसी व पीएचसी में सरकारी और संविदा मिलाकर कुल 1200 डाक्टर समेत अन्य स्टाफ है। इसमें लगभग छह सौ नियमित व 722 संविदा पर है। बावजूद इसके नार्मल व कोरोना के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। नहीं है यहां पर सिटी स्कैन समेत अन्य जांच की सुविधा
जनपद के किसी सरकारी चिकित्सालय में सिटी स्कैन ,अल्ट्रासाउंड, एक्सरे आदि की व्यवस्था नहीं है। मंडलीय चिकित्सालय में केवल एक्सरे की सुविधा है। महिला चिकित्सालय में एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है। पहली और दूसरी लहर में स्वास्थ्य सुविधाओं और ऑक्सीजन खली कमी
कोरोना के पहली लहर में बेड और इलाज की सुविधा का अभाव रहा तो दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी लोगों को खली। आंकड़े पर सारी व्यवस्था होने का दावा किया जाता रहा लेकिन हकीकत कुछ और ही रही। दूसरी लहर में 12 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत
कोरोना के दूसरी लहर में जनपद के सरकारी अस्पतालों में लगभग 12 मीट्रिक टन या 1200 सिलेंडर ऑक्सीजन की खपत हो रही थी। जनपद में सरकारी और निजी चिकित्सालय मिलाकर 20 मीट्रिक टन यानी 2000 सिलेंडर की मांग थी। वर्जन
कोरोना की तीसरी लहर के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई गई है। ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। स्टाफ भी बढ़ेंगे। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी।
डा. पीडी गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारीे