पहली बार पौधों की जियो टैगिग, वीडियो टेप में दर्ज रिकार्ड

प्रदेश स्तर पर रविवार को शुरू हुए वन महोत्सव में इस बार सारा जोर सिर्फ पौधारोपण पर ही नहीं बल्कि उन्हें लंबे समय तक बचाने पर भी किया जा रहा है। इसलिए हर पौधारोपण का वीडियो टेप किया जा रहा है और हर पौधे की टैगिग पहली बार कराई जा रही है। इस तकनीक से आम तौर पौधारोपण में होने वाली धांधली को भी रोका जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 05:14 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 05:14 PM (IST)
पहली बार पौधों की जियो टैगिग, वीडियो टेप में दर्ज रिकार्ड
पहली बार पौधों की जियो टैगिग, वीडियो टेप में दर्ज रिकार्ड

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रदेश स्तर पर रविवार को शुरू हुए वन महोत्सव में इस बार सारा जोर सिर्फ पौधारोपण पर ही नहीं बल्कि उन्हें लंबे समय तक बचाने पर भी किया जा रहा है। इसलिए हर पौधारोपण का वीडियो टेप किया जा रहा है और हर पौधे की टैगिग पहली बार कराई जा रही है। इस तकनीक से आम तौर पौधारोपण में होने वाली धांधली को भी रोका जाएगा।

पूरे भारत में 2030 तक 23.5 करोड़ एकड़ क्षेत्रफल को वन आच्छादित करने की वृहद परियोजना चल रही है। इसी के तहत प्रतिवर्ष करोड़ों पौधे रोपे जा रहे हैं। प्रदेश सरकार का भी मानना है कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष तक वनक्षेत्र में 15 फीसद की बढ़ोतरी की जाए। पिछले वर्ष पूरे प्रदेश में जहां 22.5 करोड़ पौधे रोपे गए थे, वहीं इस वर्ष 25 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य तय किया गया है। जनपद मीरजापुर में करीब 51 लाख पौधे रोपे जा रहे हैं। इसमें 30 लाख रविवार को रोप गए और शेष पौधारोपण अगले कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। अबकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पहली बार इन पौधों की टैगिग कराई जा रही है।

प्रभागीय वनाधिकारी राकेश चौधरी की मानें तो इससे हर पौधे का रिकार्ड रखा जा सकेगा और कभी भी उनकी जांच की जा सकती है। अधिकारियों ने बताया कि आम तौर पर लगाए जाने वाले पौधों में 50 से 60 फीसद पौधे ही बच पाते हैं। जनपद में तो इसका प्रतिशत और भी कम है, यहां औसतन 40 फीसद पौधे ही सही-सलामत रह पाते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण रखरखाव में लापरवाही व पानी की कमी होती है। इस बार के पौधारोपण में इन चीजों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि लगाए जा रहे पौधे जीवित रहें और आने वाली पीढि़यां उनके फल व छाया का स्वाद ले पाएं।

दिल्ली से हुई थी शुरूआत

जियो टैगिग के माध्यम से पौधों की प्रगति पर नजर रखने की सबसे पहली शुरूआत नई दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन ने 2018 में की थी। इससे पहले दिल्ली में हुए कामनवेल्थ गेम्स के दौरान लगे लाखों पौधों के गायब होने का मामला काफी गरम हुआ था। इसके बाद से ही पौधों का रिकार्ड रखने का विचार आया और एनडीएमसी ने जियो टैगिग शुरू कराई। उत्तर प्रदेश में इस वर्ष पहली बार पौधों की जियो टैगिग कराई जा रही है।

chat bot
आपका साथी