नहरों में पानी न आने से किसान चितित, वीरान हो रहे खेत
जागरण संवाददाता भांवा (मीरजापुर) इसे अफसरों की लापरवाही कहें किसानों की बदकिस्मती या जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कि पूरा आषाढ़ महीना बीत गया पर बकहर पोषक नहर और घाघर नहर में पानी न आने से किसानों की नर्सरी सूख रही है। हजारों एकड़ पानी के अभाव में खेत वीरान पड़े हुए हैं। इससे राजगढ़ और पटेहरा के किसानों की चिता बढ़ गई है और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश है।
जागरण संवाददाता, भांवा (मीरजापुर) : इसे अफसरों की लापरवाही कहें, किसानों की बदकिस्मती या जनप्रतिनिधियों की उदासीनता कि पूरा आषाढ़ महीना बीत गया पर बकहर पोषक नहर और घाघर नहर में पानी न आने से किसानों की नर्सरी सूख रही है। हजारों एकड़ पानी के अभाव में खेत वीरान पड़े हुए हैं। इससे राजगढ़ और पटेहरा के किसानों की चिता बढ़ गई है और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश है।
राजगढ़ ब्लॉक के धौरहा देवपुरा न्याय पंचायत के 30 ग्रामों और पुरा पटेहरा ब्लॉक के किसानों के खेतों को पानी देने के लिए 3400.39 करोड़ की लागत से बेलन बकहर पोषक नहर का निर्माण कराया गया है। एक सप्ताह पूर्व सिचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा कहा गया था कि 20 जुलाई से 75 क्यूसेक पानी मिलेगा पर आज तक घाघर नहर में पानी नहीं आया और यही हाल सोनालिफ्ट का है। करोड़ों रुपये खर्च करके पंप बैठाया गया पर एक दिन भी किसानों को पानी नहीं मिला। जबकि इस जिले में 2-2 मंत्री हैं और एक राज्यमंत्री का कार्यक्षेत्र मड़िहान है। क्षेत्र के राधा रमण सिंह, डा. वीपी मानुष प्रकाश चंद्र केसरी, राम लखन पाल, रामाश्रय मौर्य, विजय यादव आनंद प्रकाश आदि किसानों ने कहा कि पानी न आने से क्षेत्र के दर्जनों गांव में धान की नर्सरी सूख रही है। किसानों ने मांग की है कि नहरों को चलाया जाए, जिससे खेतों में धान की नर्सरी को बचाया जा सके।
वर्जन
नहर दो दिन पहले खोला गया है पर नहर में इतनी ज्यादा पंप लगे हैं कि पानी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। हालांकि किसानों की समस्याओं को देखते ही जल्द ही घाघर नहर में पानी आ जाएगा।
विजय यादव, जूनियर इंजीनियर, एमसीडी।