जैविक खाद का प्रयोग करें किसान, बेहतर उपज से बढ़ेगी आय
सीडीओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है जिससे फसलों के कम उत्पादन प्राप्त हो रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सीडीओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने कहा कि मिट्टी की उर्वरा शक्ति दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है, जिससे फसलों के कम उत्पादन प्राप्त हो रहे हैं। उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए जैविक खेती करें। किसान जैविक खाद का प्रयोग करें, जिससे गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न मिल सके।
जिला पंचायत सभागार में आयोजित गोष्ठी में संयुक्त कृषि निदेशक अरविद कुमार सिंह ने बताया कि किसान को कार्य में नई तकनीकों का उपयोग करें। उप कृषि निदेशक डा. अशोक उपाध्याय ने कृषि विभाग से संचालित योजनाओं की जानकारी दी।
उर्वरक की कोई कमी नहीं
इफको वरिष्ठ प्रबंधक जीपी तिवारी ने नैनो टेक्नोलाजी यूरिया व डीएपी पर प्रकाश डालते हुए नैनो यूरिया के छिड़काव की जानकारी दी। जनपद में उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जनपद में उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
कृषि विज्ञान केंद्र अध्यक्ष डा. श्रीराम सिंह ने कहा कि धान में लगने वाले कंडुआ, झोंका बीमारी से उत्पादन अधिक प्रभावित होता है। जिसका रोग लग जाने पर पूर्ण नियंत्रण करना कठिन हो जाता है। इससे छुटकारा पाने के लिए किसान बीज शोधन करके बुवाई करें तो रोग से मुक्ति मिल जाती है।
वैज्ञानिक डा. संत प्रसाद ने धान की फसलों में उर्वरक प्रयोग करने की मात्रा, विधि व सावधानी बरतने के साथ धान की क्रांति अवस्था पर सिचाई करने के महत्व को बताया। कृषि वैज्ञानिक डा. एसएन सिंह ने पौधों में पोषक तत्वों के प्रयोग व महत्व के बारे में जानकारी दी। धान की बुआई ड्रम सीडर से करने से कम लागत में अधिक आमदनी प्राप्त होती है। इस मौके पर डीएओ पवन कुमार प्रजापति के साथ किसान मौजूद थे।