कुंभयात्रा से लौट रहा परिवार सड़क हादसे में बाल-बाल बचा

देहात कोतवाली थानाक्षेत्र के बरकछा पहाड़ी पर सोमवार की सुबह हुए दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के छह सदस्य गंभीर रुप से घायल हो गए। वे सभी प्रयागराज कुंभ से स्नान-पूजा करके वापस डाल्टेनगंज झारखंड लौट रहे थे। बरकछा पहाड़ी पर हुई दुर्घटना में परिवार सहित तीन अन्य सदस्य भी घायल हुए जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने परिवार के लोगों को सूचना देकर सभी घायलों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Mar 2019 06:45 PM (IST) Updated:Mon, 04 Mar 2019 10:01 PM (IST)
कुंभयात्रा से लौट रहा परिवार  सड़क हादसे में बाल-बाल बचा
कुंभयात्रा से लौट रहा परिवार सड़क हादसे में बाल-बाल बचा

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : देहात कोतवाली थानाक्षेत्र के बरकछा पहाड़ी पर सोमवार की सुबह हुए दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के छह सदस्य गंभीर रुप से घायल हो गए। वे सभी प्रयागराज कुंभ से स्नान-पूजा करके वापस डाल्टेनगंज झारखंड लौट रहे थे। बरकछा पहाड़ी पर हुई दुर्घटना में परिवार सहित तीन अन्य सदस्य भी घायल हुए जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने परिवार के लोगों को सूचना देकर सभी घायलों को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है। देहात कोतवाली क्षेत्र के बरकछा में सोमवार की सुबह झारखंड निवासी परिवार अपनी वैगन आर कार से प्रयागराज से वापस लौट रहा था। पहाड़ी पर दूसरी ओर से सवारियों से लदी डग्गामार जीप आ रही थी। इसी बीच अनियंत्रित जीन ने कार में सीधी टक्कर मार दी जिससे कार सवार सभी लोग गंभीर घायल हो गए। जबकि जीप में सवार एक दर्जन में से तीन को चोटे आईं, बाकियों को मामूली चोट ही लगी। घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और यातायात रुक गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया और मौके पर एंबुलेंस मंगाकर घायलों को तुरंत इलाज के लिए भेजा गया। दुर्घटना में डाल्टेनगंज निवासी घनश्याम दूबे (45), आशीष (25), अभिरुचि (42), आदर्श (12), अर्णब (14), परिणति (8) व रीति दूबे (70) साल घायल हो गए। वहीं जीप सवार तीन अन्य लोगों को भी चोटें आईं जिनका इलाज चल रहा है। इनमें से महिला को सिर व कंधे पर गंभीर चोट लगी है जबकि तीनों बच्चों को पैर में फ्रैक्चर हुआ है। जिला अस्पताल के डा. राहुल सिंह ने बताया कि सभी की हालत खतरे से बाहर है। पता नहीं चला और हम गिर गए

सड़क दुर्घटना में घायल आदर्श ने बताया कि हम हंसते, बात करते घर वापस जा रहे थे। अचानक हम सब जमीन पर गिर गए। क्या हुआ, कैसे हुआ कुछ पता नहीं चला। आठ साल का बच्चा आदर्श जिसके पैर में फ्रैक्चर हुआ था, वह एकटक अपनी मां को निहार रहा था, जो इंजेक्शन लगने के बाद आंखे बंद किए लेटी थी। आदर्श बार-बार कह रहा था, मां को कुछ हुआ तो नहीं है। वहीं पिता राधेश्याम के सिर, चेहरे, हाथ व पैर में चोट लगी थी लेकिन वे बार-बार उठकर परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी ले रहे थे। ट्रेनी नर्सेस की संवेदनहीनता

दुर्घटना के बाद जिला अस्पताल पहुंचे घायलों की वजह से इमरजेंसी में अफरा-तफरी मची थी। डाक्टर्स घायलों की मरहम पट्टी, इंजेक्शन देने में जुटे हुए थे। वहीं इनकी सहायता के लिए कई ट्रेनी नर्स भी वहां मौजूद थीं, जो घायलों से बातचीत कर उन्हें सांत्वना दे रही थी। इसी बीच कुछ अन्य नर्स आईं और छुट्टी होने की बात कहने लगीं। इसके बाद घायलों को देख रही नर्स भी वहां से छुट्टी होने की खुशी में हंसती हुई चली गईं। जबकि पीड़ितों के दर्द से पूरे परिसर में गमगीन माहौल था।

chat bot
आपका साथी