तीन साल बाद भी ट्रामा सेंटर भवन नहीं हुआ हैंडओवर, मरीज परेशान

मंडलीय चिकित्सालय परिसर में निर्माणाधीन ट्रामा सेंटर भवन तीन साल बाद भी हैंडओवर नहीं हो पाया है। इसके चलते जिला चिकित्सालय में आने वाले घायल समेत गंभीर रूप से मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Aug 2019 08:17 PM (IST) Updated:Sat, 24 Aug 2019 01:16 AM (IST)
तीन साल बाद भी ट्रामा सेंटर भवन नहीं हुआ हैंडओवर, मरीज परेशान
तीन साल बाद भी ट्रामा सेंटर भवन नहीं हुआ हैंडओवर, मरीज परेशान

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मंडलीय चिकित्सालय परिसर में निर्माणाधीन ट्रामा सेंटर भवन तीन साल बाद भी हैंडओवर नहीं हो पाया है। इसके चलते जिला चिकित्सालय में आने वाले घायल समेत गंभीर रूप से मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल पा रही है। इलाज के अभाव में चिकित्सक मरीजों को बीएचयू के ट्रामा सेंटर रेफर करने के लिए मजबूर है। पिछले एक साल के अंदर डेढ़ सौ अधिक गंभीर रूप से मरीजों को बेहतर इलाज के लिए बीएचयू के ट्रामा सेंटर रेफर किया जा चुका है। ट्रामा सेंटर का भवन कब हैंडओवर होगा यह कहना मुश्किल है।

सपा सरकार के दौरान 2017 में मंडलीय चिकित्सालय में दो करोड़ रुपये की लागत से ट्रामा सेंटर भवन का निर्माण कराने की आधार शिला रखी गई थी। भवन निर्माण की जिम्मेदारी राजकीय निर्माण निगम को सौंपी गई थी। कार्यदायी संस्था के अधिकारियों द्वारा भवन को दो साल में निर्माण कर हैंडओवर करने का दावा किया गया था, लेकिन तीन साल बीत चुके है अभी तक भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है। प्रमुख सचिव के निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण में घोटाला उजागार होने पर तत्कालीन प्रमुख सचिव ने डीएम से इसकी जांच कर रिपोर्ट शासन में भेजने को कहा था। जांच के दौरान भवन निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किए जाने की शिकायत मिलने पर कार्यदायी संस्था के तत्कालीन अधिशासी अभियंता को निलंबित कर दिया गया था। भवन हैंडओवर नहीं होने से स्टाफ की तैनाती भी नहीं की जा सकी है। वहीं चिकित्सकों द्वारा आने वाले गंभीर मरीजों को बेहतर उपचार के लिए बीएचयू रेफर कर दिया जा रहा है। इससे घायलों के साथ उनके परिजनों भी परेशान हो रहे हैं। उनको आर्थिक रूप से भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले छह महीने के अंदर डेढ़ सौ से अधिक घायलों को बीएचयू रेफर किया जा चुका है। अगर भवन को हैंडओवर कर दिया जाए तो अधिकांश मरीजों का इलाज यहीं पर हो जाएगा।

वर्जन

तीन साल बीत चुके है लेकिन अभी तक कार्यदायी संस्था द्वारा भवन को हैंडओवर नहीं किया गया है। इससे मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है। भवन कब हैंडओवर होगा यह कहना मुश्किल है।

--आलोक पाठक प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक मंडलीय चिकित्सालय

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