एक माह बाद भी लापता लेखपाल नहीं लगा सुराग

कहते हैं कानून के हाथ काफी लंबे होते हैं फिर भी एक माह पूर्व लापता हुए लेखपाल का अभी तक कटरा कोतवाली पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है। उसे जमीन निगल गई या आसमान इस बात का पता लगाने में पुलिस नाकाम है। लापता बेटे के बारे में जानकारी लेने के लिए परिजन अबतक 30 बार थाने का चक्कर लगा चुके हैं लेकिन पुलिस है कि उनकी एक नहीं सुन रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 06:09 PM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 06:09 PM (IST)
एक माह बाद भी लापता 
लेखपाल नहीं लगा सुराग
एक माह बाद भी लापता लेखपाल नहीं लगा सुराग

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कहते हैं कानून के हाथ काफी लंबे होते हैं फिर भी एक माह पूर्व लापता हुए लेखपाल का अभी तक कटरा कोतवाली पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है। उसे जमीन निगल गई या आसमान इस बात का पता लगाने में पुलिस नाकाम है। लापता बेटे के बारे में जानकारी लेने के लिए परिजन अबतक 30 बार थाने का चक्कर लगा चुके हैं लेकिन पुलिस है कि उनकी एक नहीं सुन रही है।

शहर कोतवाली के बदली कटरा बृजराज मोहल्ला निवासी आशीष कुमार गुप्त (35) पुत्र त्रिजुगीनाथ गुप्त सदर तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात है। छह सितंबर को घर से घंटाघर स्थित शीतला माता का दर्शन करने निकले थे इसके बाद घर नहीं लौटे। देर होने पर परिवार के लोगों ने आशीष की खोजबीन शुरू की तो रात नौ बजे उनकी बाइक कटरा कोतवाली क्षेत्र के शास्त्री पुल के पास मिली। परिवार के लोगों ने जमीनी विवाद के चलते पड़ोसियों द्वारा बेटे का अपहरण किए जाने की आशंका जताते हुए कटरा थाने में एक व्यक्ति के खिलाफ नामजद तहरीर दी लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज न करते हुए सात सितंबर को लेखपाल के गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया। नामजद मुकदमा दर्ज न करने का कारण पूछने पर पुलिस ने बताया कि बगैर जांच के किसी के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज नहीं करेगी। कई दिनों तक थाने का चक्कर लगाने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया तो परिजन एसपी के यहां न्याय की गुहार लगाने पहुंचे। कप्तान के निर्देश पर 16 सितंबर को मामला नामजद तो पंजीकृत कर लिया गया लेकिन पुलिस आशीष की खोजबीन करने की बजाय शांत बैठ गई। परिजन आज भी आरोपित को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ करने की मांग को लेकर थाने का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन पुलिस उनकी एक न सुन रही है ।

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