ईयर टैगिग से पशुओं में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश

विध्याचल मंडल के पशुओं का भी अब ब्योरा महज एक नंबर के द्वारा आसानी से मिल सकेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 15 Dec 2019 06:38 PM (IST) Updated:Sun, 15 Dec 2019 06:38 PM (IST)
ईयर टैगिग से पशुओं में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश
ईयर टैगिग से पशुओं में होने वाले फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : विध्याचल मंडल के पशुओं का भी अब ब्योरा महज एक नंबर के द्वारा आसानी से मिल सकेगा। आधार कार्ड की तर्ज पर पशुओं का एक विशेष रजिस्ट्रेशन कार्ड तैयार किया जा रहा है। इसके लिए विध्याचल मंडल के मीरजापुर, सोनभद्र व भदोही में स्थित गोशालाओं में रखे गए पशुओं सहित अन्य पशुओं की ईअर टैगिग एक बार फिर पशुपालन विभाग कराने जा रहा है। ईअर टैगिग से बेसहारा पशुओं पर भी अंकुश लग सकेगा साथ ही गोशालाओं में पशुओं की संख्या में अब फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। पहले चरण में गौशाला में रखे जाने वाले पशुओं और पशु अस्पताल में कृत्रिम गर्भाधान व टीकाकरण कराने वाले पशुओं का ईअर टैगिग किया जाएगा।

किसानों और पशु पालकों के लिए दुधारू पशुओं के साथ ही खेत में काम करने वाले बैल के साथ ही अन्य पशु बहुत महत्वपूर्ण है। इसके चलते जनपद के पशुओं का हिसाब किताब रखने के लिए इनके रिकार्ड को नोट करने के लिए नंबरों वाले टैग लगाना बहुत •ारूरी होता है। पशुओं के टीका भरवाने के रिकार्ड रखना सफल पशुपालक की पहचान है इसलिए यह रिकॉर्ड के लिए नंबर लगाने और पशुओं के दूध का हिसाब किताब रखने में सहायक होता है। ईअर टैगिग बीमा करवाने, ज्यादा पशुओं में से किसी पशु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में करते हैं। साथ ही सरकार की कामधेनु व मिनी कामधेनु योजना के तहत लिए गए पशुओं की गणना भी आसानी से हो सकेगी।

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ईअर टैगिग से पशुओं की गणना में काफी आसानी होती है। इसलिए समय समय पर पशुओं की ईअर टैगिग कराई जाती है। इसमें प्लास्टिक के टैग पर अंकित नंबर को पशुओं के कान में ईअर टैग कराया जाता है।

- डा. राजीव गुप्ता, अपर निदेशक पशुपालन ग्रेड 2, विध्याचल मंडल।

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जनपद में कुल पशु - 12 लाख

ईअर टैग के लिए चिह्नित पशु

- गौशाला में रखे गए पशु

- कृत्रिम गर्भाधान के लिए आने वाले पशु

- टीकाकरण के लिए आने वाले पशु।

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