शौचालय के लिए खोदा गड्ढ़ा, दुघर्टना को दावत

विकास खंड में कई शौचालयों के ढक्कन या तो टूटे है और मल का गड्ढ़ा खुला है या तो ढक्कन लगे ही नहीं है। विकास खण्ड में कुल 140 राजस्व ग्राम है। जिसके लिए 126 सफाई कर्मियों की नियुक्ति भी की गई है। केंद्र व प्रदेश की सरकार हर गांव में लाखों की बजट केवल स्वच्छ शौचालयों हेतु पानी की तरह भले ही बहाया जा रहे हो किन्तु उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 09:55 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 09:55 PM (IST)
शौचालय के लिए खोदा गड्ढ़ा, दुघर्टना को दावत
शौचालय के लिए खोदा गड्ढ़ा, दुघर्टना को दावत

जासं, पटेहरा (मीरजापुर) : विकास खंड में कई शौचालयों के ढक्कन या तो टूटे है और मल का गड्ढ़ा खुला है या तो ढक्कन लगे ही नहीं है। विकास खण्ड में कुल 140 राजस्व ग्राम है। जिसके लिए 126 सफाई कर्मियों की नियुक्ति भी की गई है। केंद्र व प्रदेश की सरकार हर गांव में लाखों की बजट केवल स्वच्छ शौचालयों हेतु पानी की तरह भले ही बहाया जा रहे हो किन्तु उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। अपितु उससे अब खतरा होने की संभावना भी बढ़ती नजर आ रही है। विकास खण्ड के दर्जनों ग्राम पंचायतें इसके अनूठे प्रमाण है स्वच्छ शौचालयों की निगरानी व जांच भी केंद्रीय टीम से की जाती है। जिसे भी स्वच्छता विभाग के नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी बारीकी से वही घुमाते है। क्षेत्रवासियों ने आक्रोश जताते हुए बताया कि यदि खुले शौच से मुक्ति में बनवाये शौचालयों के गड्ढों को बंद नहीं कराया गया तो भारी खतरा कभी भी घट सकता है। इस संबंध में प्रधान तुलसीपुर विमला तिवारी ने बताया कि सभी स्वच्छ शौचालयों के गड्ढे बंद थे ¨कतु लाभार्थी के लापरवाही से ट्रैक्टर वाले ने ढक्कन को तोड़ दिया तब से वह ढ़क नहीं सका है।

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