खुले में रखा धान देख डीएम ने जताई नाराजगी

जागरण संवाददाता हलिया (मीरजापुर) क्षेत्र के धान खरीद केंद्र एनसीसीएफ देवरी बाजार व नैफेड

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 10:48 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 10:48 PM (IST)
खुले में रखा धान देख डीएम ने जताई नाराजगी
खुले में रखा धान देख डीएम ने जताई नाराजगी

जागरण संवाददाता, हलिया (मीरजापुर) : क्षेत्र के धान खरीद केंद्र एनसीसीएफ देवरी बाजार व नैफेड सुखड़ा का जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने निरीक्षण किया। उन्होंने पहले एनसीसीएफ केंद्र देवरी बाजार पहुंचकर केंद्र पर मौजूद किसानों से खरीद के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद नैफेड क्रय केंद्र सुखड़ा कला पहुंचकर केंद्र प्रभारी अनिल पांडेय से पूछताछ की। क्रय केंद्र पर खरीद की गई धान खुले में देख डीएम ने नाराजगी जताते हुए केंद्र प्रभारी से कहा कि जल्द से जल्द धान का उठान कराया जाए।

केंद्र प्रभारी ने बताया कि 2500 एमटी के सापेक्ष तीस किसानों से 2252 कुंतल धान खरीद की गई है। इस दौरान एसडीएम जंगबहादुर यादव, प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह आदि मौजूद रहे। खरीद के लिए लेखपाल बांटेंगे पर्ची, करेंगे किसानों को प्रेरित

हलिया : समाधान दिवस पर मौजूद राजस्व लेखपाल को एसडीएम जंगबहादुर यादव ने निर्देशित किया कि क्षेत्रीय लेखपाल अपने-अपने गांव के संबद्ध धान खरीद केंद्र का पता लगाते हुए गांव के लघु सीमांत किसानों की धान तीस से पचास कुंतल तक क्रय केंद्र पर बेचवाने के लिए प्रेरित करेंगे साथ ही पर्ची भी बाटेंगे। संबंधित लेखपाल समाधान दिवस के बाद गांव में पहुंचकर लघु सीमांत किसानों की तैयार फसलों को संबंधित क्रय केंद्र पर बेचने के लिए प्रेरित करेंगे। शासन द्वारा लघु सीमांत किसानों की धान खरीद के लिए मंगलवार व शुक्रवार निर्धारित किया गया है।

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किसानों के साथ सौतेला व्यवहार, बिचौलियों की चांदी

जागरण संवाददाता, मड़िहान (मीरजापुर) : क्षेत्र के किसानों की दशा अत्यंत दयनीय होती चली जा रही है और अधिकारी भी निजी स्वार्थ सिद्धि को लेकर परेशान हैं।

किसानों ने बताया कि कलवारी स्थित खाद्य विभाग की हाट शाखा जो मड़िहान के नाम से संचालित होती है और मड़िहान से नौ किलोमीटर दूर स्थित है। स्थानीय कस्बा पटेवर, देवरी कला जैसे महत्वपूर्ण गांव को काट दिया गया है बल्कि जंगल किनारे उन गांवों को रखा गया है, जहां पैदावार भी कम होती है। वहीं पटेवर, देवरी कला, मरचा जमुई आदि गांव को हाट शाखा से बिल्कुल अलग कर दिया गया है जिससे किसान परेशान होकर औने-पौने दाम पर धान बिचौलियों को बेचने को विवश हैं। पांच दिन पूर्व इंद्रदेव भी रूठ गए थे। इससे कुछ किसानों की धान की फसलें खेत में ही बर्बाद हो रही है। अधिकारियों की ओर से कोई सहूलियत नहीं मिल रही है। यहां तक कि शादी विवाह और कर्ज की बात-बताने पर भी अधिकारी महज चिहित केंद्र पर ही धान बेचने की बात कह रहे हैं। जबकि जिन-जिन गांवों में सेंटर बनाया गया है, वहां सेंटर संचालित ही नहीं हो रहा है।

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