कलकलिया नदी पर पुल मरम्मत कराने की मांग
सिचाई खंड चुनार अंतर्गत अदलहाट-इमिलियाचट्टी मार्ग के जरगो फीडर के सर्विस पटरी पर पचेगड़ा ग्राम के पास छह दशक पूर्व कलकलिया नदी पर बने पुल के जर्जर होने व विभाग द्वारा उसका मरम्मत न कराने से किसानों में रोष है।
जागरण संवाददाता, अदलहाट (मीरजापुर) : सिचाई खंड चुनार अंतर्गत अदलहाट-इमिलियाचट्टी मार्ग के जरगो फीडर के सर्विस पटरी पर पचेगड़ा ग्राम के पास छह दशक पूर्व कलकलिया नदी पर बने पुल के जर्जर होने व विभाग द्वारा उसका मरम्मत न कराने से किसानों में रोष है। क्षेत्रीय किसानों ने कहा कि जर्जर पुल का मरम्मत करा दिया जाए अन्यथा कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
जरगो फीडर के सर्विस पटरी पर पचेगड़ा ग्राम के पास कलकलिया नदी पर पुल का निर्माण द्वितीय पंचवर्षीय योजना में सन् 1956 में हुआ था। पुल की यह विशेषता है कि नीचे नदी का पानी, मध्य से जरगो फीडर का पानी तथा ऊपरी हिस्से से अदलहाट-इमिलियाचट्टी मार्ग पर वाहनों का आवागमन होता है। पुल का रेलिग टूट गया है। पुल की दयनीय दशा को देखकर सिचाई विभाग द्वारा दोनों तरफ बोर्ड लगाया गया था कि सावधान पुल क्षतिग्रस्त है। भारी वाहन प्रवेश वर्जित है साथ ही पुल के दोनों किनारे पत्थर का ठोका जोड़ा गया था, और लोहे का गाटर लगाकर भारी वाहन के प्रवेश हेतु रोक लगाई गई थी। सिचाई विभाग बोर्ड लगाकर अपने कार्य से मुक्त हो गया और पुलिस विभाग भी सिचाई विभाग के बोर्ड पर एक तरफ पेंट लगाकर वह भी लिख दिया कि सावधान पुल क्षतिग्रस्त है भारी वाहन प्रवेश वर्जित है। पुल का मरम्मत नहीं हुआ लेकिन दोनों तरफ लगे बोर्ड भी गायब हो गये। पुल से भारी वाहनों का धड़ल्ले से आवागमन हो रहा है। जरगो फीडर के पानी की सप्लाई से विभिन्न गांव का सैकड़ों एकड़ भूमि की सिचाई होती है ऐसे महत्वपूर्ण पुल के मरम्मत हेतु सिचाई विभाग द्वारा कोई कदम न उठाने से क्षेत्रीय किसानों में क्षोभ व रोष की भावना व्याप्त हो रही है। किसानों ने जताई प्रतिक्रिया
पुल का मरम्मत सिचाई विभाग द्वारा न कराया जाना किसानों के साथ मजाक करने के समान है।
किसान विपिन सिंह। जिला प्रशासन से पुल की मरम्मत कराने की मांग की है। अन्यथा कभी भी भयंकर हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
किसान सहेंद्र सिंह। जर्जर पुल से भारी वाहनों का आवागमन कभी भी घातक सिद्ध हो सकता है। अगर सही समय से मरम्मत करा दिया जाए तो लोगों को काफी फायदा होगी।
किसान कैलाश सिंह। नदी पर बने बूढ़े पुल का जिला प्रशासन से मरम्मत कराने की मांग की है, मांग पूरा नहीं हुआ तो आंदोलन करने को किसान विवश होंगे।
किसान दिनेश गांधी। पुल का मरम्मत न होने से कभी भी भारी वाहनों के आने जाने से पुल के टूटने की संभावना बनी हुई है।
किसान अजय श्रीवास्तव। सिचाई विभाग के अधिकारियों से जर्जर पुल का मरम्मत कराने की मांग की है।
किसान राम मनोहर।