जर्जर भवनों से रहवासियों के जीवन पर मंडरा रहा खतरा
शहर में दर्जनों जिदगियों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है क्यों
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : शहर में दर्जनों जिदगियों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि शहर में तकरीबन 32 जर्जर भवनों में लोग आबाद हैं। उन भवनों को न तो वे मरम्मत करा सकते हैं और न ही उसे छोड़कर कहीं अन्यत्र रहने के लिए जा सकते हैं। कारण साफ है कि ज्यादातर लोग किराएदार हैं, जो न तो मकान खाली कर रहे हैं और न ही भवन स्वामी उसकी मरम्मत करा पा रहे हैं। प्रशासन भी किसी अनहोनी की प्रतीक्षा कर रहा है।
प्रशासन बड़ी घटनाएं होने पर ही चेतता है। घटनाएं घटित होने से पहले बचाव के उपाय किए जाएं तो असमय काल के गाल में जाने से लोगों को बचाया जा सकता है। शहर में तमाम जिदगियां ऐसे जर्जर भवनों में रह रही हैं जिन्हें देखने के बाद भय लगता है, लेकिन प्रशासन इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहा है। मकान ढहने से हर वर्ष मौतें होती रहती है। प्रशासन को ऐसे भवनों का चिन्हांकन कराकर उसमें रह रहे लोगों को विस्थापित कराना चाहिए, लेकिन शहर में तमाम भवन वर्षों पुराने हैं और उसमें लोग रह रहे हैं। इन पुराने जीर्ण-शीर्ण भवनों की मरम्मत कराना भी भवन मालिक मुनासिब नहीं समझते। नगर के बाजीराव कटरा, गिरधर चौराहा, बड़ी माता, लालडिग्गी, गौरियान, नटवां, बूढ़ेनाथ, त्रिमोहानी, अनगढ़, महंथ शिवाला आदि स्थानों पर जर्जर भवन देखे जा सकते हैं। कई ऐसे भवन हैं, जिसे दूर से ही देखने पर लगता है कि जरा सा भार पड़ने पर भवन भरभरा कर गिर सकता है। मानसून के पहले ही नगर पालिका की ओर से शहर के 32 जर्जर भवनों को चिन्हित किया गया था और सभी को जर्जर भवन गिराने के लिए नोटिस भी भेजा गया, लेकिन अब तक एक भी मकान नहीं गिराए जा सके। नगर पालिका के साथ-साथ प्रशासन को भी चाहिए कि जर्जर हो चुके भवनों को जल्द से जल्द ढहाया जाए अन्यथा बारिश तो हो ही रहा है, कभी भी अनहोनी हो सकती है। पिछले दिनों शहर कोतवाली के सामने जर्जर भवन ढहने से एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जो भी हो शहर भर में दर्जनों जिदगियों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। वर्जन
शहर में 32 जर्जर भवन को चिन्हित किया गया है। सभी को नोटिस भी जारी किया गया है। कहा गया है कि जल्द से जल्द जर्जर भवन को गिरा दिया जाए। नोटिस के बाद भी जर्जर भवन नहीं गिराया गया तो कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस विभाग को पत्र लिखा जाएगा।
-ओमप्रकाश, ईओ, नगर पालिका परिषद, मीरजापुर।