गलत कार्यो के लिए चर्चा में हमेशा से क्राइम ब्रांच

स्वाट टीम की कार्यशैली को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते रहते हैं कि वह अपने अधिकारों का गलत तरीके से उपयोग करती है। मनमाने तरीके से लोगों को पकड़कर उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने व लूटने का काम करती है। जिसके बारे में अधिकारियों को इसकी भनक नहीं लगती है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Dec 2019 10:27 PM (IST) Updated:Sun, 01 Dec 2019 10:27 PM (IST)
गलत कार्यो के लिए चर्चा 
में हमेशा से क्राइम ब्रांच
गलत कार्यो के लिए चर्चा में हमेशा से क्राइम ब्रांच

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : स्वाट टीम की कार्यशैली को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते रहते हैं कि वह अपने अधिकारों का गलत तरीके से उपयोग करती है। मनमाने तरीके से लोगों को पकड़कर उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने व लूटने का काम करती है। जिसके बारे में अधिकारियों को इसकी भनक नहीं लगती है। कभी कभार मामला उजागर हुआ तो एक दो को निलंबित कर मामले को शांत कर दिया जाता है।

आज के करीब 16 साल पहले स्वाट टीम को एसओजी के नाम से जाना जाता था। उस समय एसओजी का जनपद में काफी जलवा था। टीम ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही थी। मड़िहान में कुछ लोगों को विस्फोट के साथ पकड़ा। जिसमें से एक व्यक्ति को छोड़ने के लिए उन्हें खुश करने की बात कही गई। मालामाल होने की लालच में एक आरोपी को बचाने की कवायद शुरू हो गई। लेकिन टीम उससे कुछ देर पहले ही अपने उच्चाधिकारियों इसके बारे में बता चुकी थी। जानकारी होते ही उच्चाधिकारियों ने इसका प्रेसवार्ता कर घटना का खुलासा करने को कहा तो टीम के कर्मचारी सकते में आ गए। वह पांच में से एक व्यक्ति को बचाना भी चाहते थे लेकिन पांच लोगों को एसपी के सामने पेश भी करना चाहते थे। काफी माथापच्ची के बाद टीम के सदस्य देहात कोतवाली के महकुचंवा में पहुंचे और एक कालेज से परीक्षा देकर जा रहे बीए के एक छात्र को उठा लिया। छात्र गाड़ी में बैठाए जाने का कारण पूछने लगा तो पुलिस कर्मियों ने बताया कि कुछ पूछताछ करना है कुछ देर बाद छोड़ देंगे। कुछ देर बाद जब उसे एसपी कार्यालय लेकर गए और वहां बताया कि यह विस्फोटक पदार्थ सप्लाई करने जा रहा था तो यह सुन छात्र के होश उड़ गए। उसने इस बात की जानकारी अपने परिजनों को दी तो मामला न्यायालय में पहुंच गया। जहां आज भी केस चलना बताया जा रहा है। इसके बाद एसओजी को क्राइम ब्रांच में तब्दील कर दिया गया। जिसके कुछ सिपाहियों ने गत दिनों एक हेरोईन तस्कर को पकड़कर उससे हेराईन जब्त करते हुए लाखों रुपये में दूसरे तस्कर को बेच दिया। जिसके पैसे के बंटवारे को लेकर उनके बीच तनाव भी हो गया था। 27 नवंबर को क्राइम ब्रांच में तैनात दारोगा धनंजय पांडेय अपने हमराही धर्मवीर व मनीष चौबे के साथ मिलकर आभूषण व्यापारी से लाखों के जेवरात लूटने का आरोप लगाया गया है। इससे यहीं लगता है टीम घटनाओं का खुलासा करने में कम लूट खसोट में ज्यादा समय बिताती है। इनसेट

काफी दिनों से एक ही थाने में जमे कई सिपाही

मड़िहान थाने पर कुछ सिपाही काफी सालों से जमे हुए है। जिसको लेकर क्षेत्र में आए दिन चर्चा बना रहता है। उनके कारनामे उनको खुद चर्चा में ला देते हैं। फिर भी किसी अधिकारी का इन सिपाहियों की ओर ध्यान नहीं जाता है। यहीं नहीं इन सिपाहियों के उत्पीड़न से भी वहां की व्यापारी व अन्य लोग परेशान है।

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