तीन से चार दिन में मिल रही कोरोना रिपोर्ट, मरीज परेशान

जागरण संवाददाता मीरजापुर जिले की चिकित्सीय सुविधा इतनी खराब हो गई है कि कोरोना काल

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 03:53 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 03:53 PM (IST)
तीन से चार दिन में मिल रही कोरोना रिपोर्ट, मरीज परेशान
तीन से चार दिन में मिल रही कोरोना रिपोर्ट, मरीज परेशान

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले की चिकित्सीय सुविधा इतनी खराब हो गई है कि कोरोना काल में आपका इलाज होगा कि नहीं, इसकी कोई गारंटी नहीं है। कोरोना वायरस से आप पीड़ित हो गए और जांच करा लिया तो उसकी रिपोर्ट के लिए आपको चार दिनों तक इंतजार करना पड़ेगा। इसके बाद ही रिपोर्ट मिलेगी। इससे पहले कुछ नहीं हो सकता। तब तक आपको संक्रमण पर कंट्रोल पाने के लिए काढ़ा या बुखार की दवा खानी होगी। डाक्टर इससे ज्यादा आपको कोई दवा नहीं लिखेंगे। जब आपकी रिपोर्ट आ जाएगी और उसमें आप संक्रमित पाए जाते हैं तो चिकित्सक उस हिसाब से दवा खाने के लिए लिखेंगे। इसी बीच आपको कुछ हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेगा।

जिले में कोरोना संक्रमितों को चिहित कर सैंपल लेने वाली तीन टीमों के 18 सदस्य इस समय संक्रमित हो गए है, इसलिए नगर में कोरोना सैंपल लेने के लिए लगाए गए कैंप बंद कर दिए गए हैं। केवल मंडलीय चिकित्सालय में कोरोना संदिग्धों के सैंपल लिए जा रहे हैं। मात्र एक स्थान पर सैंपल लेने की प्रक्रिया किए जाने से लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। सैंपल दे भी दिए तो आपको तत्काल रिपोर्ट नहीं मिलेगी। इसके लिए तीन दिनों तक आपको इंतजार करना पड़ेगा। रिपोर्ट देरी से मिलने के बारे में कहा जा रहा है कि लैब के लगभग 15 कर्मचारी कोरोना पाजिटिव हो गए हैं। मात्र पांच कर्मचारी बचे हैं, जो जांच कर रहे हैं। इससे रिपोर्ट आने में देर हो रही है। निजी लैबों के कर्मचारियों को जांच करने के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन वे आ नहीं रहे हैं। इससे समस्या खड़ी हो रही है। रिपोर्ट देर से आने के कारण मरीजों की हालत भी खराब हो रही है। एक दिन में 1800 संदिग्धों के सैंपल की हो रही जांच

मंडलीय चिकित्सालय में कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच के लिए इस समय छह कर्मचारी काम कर रहे हैं, जो कुल 1800 सैंपल की जांच कर रहे हैं। इसमें 800 सैंपल की जांच आरटीपीसीआर व 1000 सैंपल की जांच एंटीजेन मशीन से किया जा रहा है। जबकि इससे पहले दो से तीन हजार सैंपल की जांच प्रतिदिन की जाती थी, लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते जांच की संख्या में कमी आई है। वर्जन

लैब के कर्मचारियों के पाजिटिव आने के बाद जांच प्रभावित हुई है। यही कारण है कि रिपोर्ट तीन से चार दिन में आ रही है। जल्द ही स्थिति ठीक हो जाएगी।

- डा. पीडी गुप्ता, मुख्य चिकित्साधिकारी

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