कोरोना संदिग्धों की नहीं हुई जांच, 75 से अधिक लोगों की मौत

जागरण संवाददाता मीरजापुर कोरोना संदिग्धों की जांच न होने के कारण आए दिन लोगों की म

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 06:20 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 11:25 PM (IST)
कोरोना संदिग्धों की नहीं हुई जांच, 75 से अधिक लोगों की मौत
कोरोना संदिग्धों की नहीं हुई जांच, 75 से अधिक लोगों की मौत

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोरोना संदिग्धों की जांच न होने के कारण आए दिन लोगों की मौत हो रही हैं। पिछले एक सप्ताह के अंदर 75 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों के परिवार के सदस्यों ने बताया कि सर्दी, जुकाम और बुखार के दौरान ही श्वांस लेने में तकलीफ हुई और मौत हो गई।

इन सभी की अचानक सांस फूलने लगी। अस्पताल ले जाया गया। हॉस्पिटल में जगह न होने के कारण उन्हें सर्दी जुकाम की दवा देकर घर भेज दिया गया। घर आते ही मौत हो गई। समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया तो वह दिन दूर नहीं जब हर गली -हर मोहल्ले में मौत का मंजर देखने को मिलेगा।

नया कोरोना का वायरस इतना खतरनाक हैं कि लोगों को संभलने का मौका नहीं मिल रहा है। जो जद में आ रहा और समय रहते इलाज नहीं कर रहा तो परलोक सिधार जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल पिछले एक सप्ताह से जिले में देखने को मिल रहा है। नगर निवासी आशीष कुमार 30 साल को सास लेने में दिक्कत थी। उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑक्सीजन लेवल नापने पर बताया गया कि 70 है। चिकित्सकों ने हालत नाजुक बनाया। युवक को रेफर कर दिया गया, लेकिन परिजन उसे दूसरे स्थान पर ले जाने में असमर्थ रहे। नतीजा रहा कि 21 को उसकी मौत हो गई। भरूहना निवासी तीन लोग सर्दी जुकाम व बुखार से पीड़ित थे। बुखार की दवा दी गई। एक दिन आराम रहा, लेकिन दूसरे दिन सांस लेने में दिक्कत होने लगी। मंडलीय चिकित्सालय लाया गया तो बताया गया कि पहले कोरोना की जांच कराया जाए, फिर इनको भर्ती किया जाएगा। परिजन कोरोना की जांच करने में जुट रहे। पूरे दिन का समय बीतने के बाद उनकी जांच हो पाई। जांच के बाद चिकित्सकों ने उनको दवा देकर घर भेज दिया। जबतक रिपोर्ट आती तबतक उनकी जान चली गई। इसी प्रकार घुरूहूपटटी निवासी एक युवक की भी सांस फुलने के दौरान मौत हो गई। डंकीनगंज निवासी दो लोगों की सास फुलने से मौत हुई। संगमोहाल, त्रिमुहानी, वासलीगंज, सरैया, लालगंज, राजगढ़ आदि इलाके के लोगों की सास फुलने के चलते मौत हो गई। इस तरह एक सप्ताह के अंदर 75 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। बेड फुल होने के कारण आ रही भर्ती करने में दिक्कत

मंडलीय चिकित्सालय में 155 बेड है। इसमें 140 मरीज भर्ती है। 70 मरीजों को आक्सीजन दिया जा रहा है। शेष मरीजों को थोड़ी देर पर ऑक्सीजन दिया जा रहा है। इसके अलावा एल 2 चिकित्सालय में 32 मरीज भर्ती है। इनको लगातार ऑक्सीजन दिया जा रहा है। प्रतिदिन मरीजों की संख्या बढ़ने से चिकित्सालय प्रशासन भी परेशान है।

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