क्षतिग्रस्त चरनी के निर्माण के लिए बुलंद की आवाज

क्षेत्र के बिक्सी माइनर पर करजी गांव के पास बना एक्वाडस्ट(चरनी) क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण किसानों को फसल सिचाई करने में भारी मुसीबत उठानी पड़ रही है। क्षतिग्रस्त एक्वाडस्ट से माइनर का पानी गिरकर बर्बाद हो जाने के कारण टेल के गांवों हसौली ओड़ी तक पानी न पहुंच पाने से किसान परेशान है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Oct 2019 07:25 PM (IST) Updated:Thu, 31 Oct 2019 11:24 PM (IST)
क्षतिग्रस्त चरनी के निर्माण  के लिए बुलंद की आवाज
क्षतिग्रस्त चरनी के निर्माण के लिए बुलंद की आवाज

जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर) : क्षेत्र के बिक्सी माइनर पर करजी गांव के पास बना एक्वाडस्ट(चरनी) क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण किसानों को फसल सिचाई करने में भारी मुसीबत उठानी पड़ रही है। क्षतिग्रस्त एक्वाडस्ट से माइनर का पानी गिरकर बर्बाद हो जाने के कारण टेल के गांवों हसौली, ओड़ी तक पानी न पहुंच पाने से किसान परेशान है। क्षतिग्रस्त चरनी का मरम्मत कराकर किसी तरह से धान के फसल की सिचाई तो हो गई लेकिन गेहूं की फसल की सिचाई के पूर्व क्षतिग्रस्त चरनी का पुन: निर्माण कराया जाना नितांत आवश्यक हो गया है।

किसानों ने बताया कि चरनी तो पहले से ही जर्जर है एवं क्षतिग्रस्त चरनी का निर्माण न कराकर सिचाई विभाग द्वारा चरनी के पास हुए पोल में मिट्टी भरकर तीन खानों में से एक खाने को बोरा रखकर बंद कर दिया गया। जिससे पानी का प्रवाह अवरूद्ध हो जाने से सिचाई में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। माइनर का आधा पानी क्षतिग्रस्त एक्वाडस्ट से नाले में गिरकर बर्बाद हो जाने से किसानों को अपने गेहूं की फसल की सिचाई की चिता सता रही है। क्षेत्र के आशीष सिंह, भरत सिंह, प्रमोद सिंह, नवीन सिंह, मनोज द्विवेदी, मारूति नंदन, त्रिभुवन नाथ दुबे, गोपाल दुबे, अनिल सिंह, सत्येंद्र सिंह आदि किसानों ने गेहूं की सिचाई के पूर्व क्षतिग्रस्त एक्वाडस्ट का निर्माण कराए जाने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी कि अगर जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं हुई तो किसान प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

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