हत्या में कांस्टेबल को दो वर्ष की सजा, जुर्माना भी

राजगढ़ चौकी में 11 वर्ष पूर्व असलहा साफ करते समय गोली लगने से कांस्टेबल की मौत मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वाती ने आरोपित कांस्टेबल पर दोष सिद्ध होने पर दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार के जुर्माने से दंडित किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 09:00 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 09:00 PM (IST)
हत्या में कांस्टेबल को दो वर्ष की सजा, जुर्माना भी
हत्या में कांस्टेबल को दो वर्ष की सजा, जुर्माना भी

विधि संवाददाता, मीरजापुर : राजगढ़ चौकी में 11 वर्ष पूर्व असलहा साफ करते समय गोली लगने से कांस्टेबल की मौत मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वाती ने आरोपित कांस्टेबल पर दोष सिद्ध होने पर दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना न देने पर एक माह की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी।

राजगढ़ चौकी पर 20 फरवरी 2010 को एसआइ टीपी राम आसरे दोहरे हेड आरमोरर मुमताज अहमद, एपी देवेंद्र चौबे, सीवी मनोज सरोज, सीपी कमलेश यादव, इरशाद अहमद, कांस्टेबल बच्चालाल असलहों की सफाई कर रहे थे। सभी लोग अपने नाम से आवंटित इंसास रायफलों की सफाई कर रहे थे। होरीलाल भी अपने नाम से आवंटित एसएलआर की सफाई कर रहा था तो पुलिस लाइन से आए कांस्टेबल देवेंद्र कुमार चौबे चौकी की एलएमजी की सफाई करने के बाद मैग्जीन लगाकर काक कर ट्रेगर दबा दिया, जिससे निकली दो गोली कांस्टेबल सीबी होरीलाल के पेट में लगी और उसकी मौत हो गई।

पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने विवेचना का आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। अभियोजन अधिकारी समीरा फैज व सहायक अभियोजन अधिकारी प्रदीप कुमार ने 16 गवाह परीक्षित कराया। गवाहों के बयान और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोष सिद्ध होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वाती ने आरोपित कांस्टेबल को दो वर्ष कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दो हजार के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माना न देने पर एक माह की सजा अतिरिक्त भुगतनी होगी।

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