न खींचा तार न दिया कनेक्शन, भेज दिया साढ़े नौ-नौ हजार का बिल

न खींचा गया तार न दिया कनेक्शन सिर्फ गाड़ दिया सौभाग्य योजना के तहत बिजली का पोल व ट्रांसफार्मर लगाकर इतिश्री कर लिया गयया। साथ ही सुविधा शुल्क लेकर घरों में मीटर भी लगाकर बिल भी जारी कर दिया गया लेकिन कनेक्शन किसी के घरों में नहीं दिया गया। साथ ही साढ़े नौ-नौ हजार का बिल भी भेज दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 10:06 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 06:11 AM (IST)
न खींचा तार न दिया कनेक्शन, भेज दिया साढ़े नौ-नौ हजार का बिल
न खींचा तार न दिया कनेक्शन, भेज दिया साढ़े नौ-नौ हजार का बिल

जागरण संवाददाता, जिगना (मीरजापुर) : न खींचा गया तार न दिया कनेक्शन सिर्फ गाड़ दिया सौभाग्य योजना के तहत बिजली का पोल व ट्रांसफार्मर लगाकर इतिश्री कर लिया गया। साथ ही सुविधा शुल्क लेकर घरों में मीटर भी लगाकर बिल भी जारी कर दिया गया लेकिन कनेक्शन किसी के घरों में नहीं दिया गया। साथ ही साढ़े नौ-नौ हजार का बिल भी भेज दिया। यह मामला छानबे क्षेत्र के ग्राम पंचायत सिंहावल के कई बस्तियों का है। शुक्रवार को साढ़े नौ-नौ हजार का बिल आने पर ग्रामीण परेशान हो गए और ग्राम प्रधान का घेराव कर नारेबाजी करने लगे। हालांकि ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान कराने का आश्वासन देकर शांत कराया।

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि गरीबों के लिए सरकारी योजनाओं पर मातहत पानी फेर सरकारी मंशा का ही बट्टाधार कर रहे हैं। जिससे आम गरीब जनता परेशान व लाचार है। जिसका जीता जागता उदाहरण ग्राम पंचायत सिंहावल की अनुसूचित जन जाति बस्ती, हनुमानपुर मजरे की सरोज बस्ती, शिवपुर की बिद में देखा जा सकता है। जहां सात माह पूर्व सौभाग्य योजना के तहत बस्ती के एक छोर पर ट्रांसफार्मर लगा बस्तियों में बिजली का महज पोल गाड़कर छोड़ दिया गया। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते बस्तियों में न तो तार खींचा गया ना ही कनेक्शन दिया गया हां बिजली का मीटर जरुर सुविधा शुल्क लेकर घरों में लगा कर बिजली का बिल जारी कर दिया गया। जिससे ग्रामीण प्रधान को घेर अपनी समस्या से अवगत कराया। ग्रामीण राकेश, सुरेश पासी, सुदामा सरोज, छोटेलाल, पारस, रामआसरे, राजकुमार, कुंजल, शिवशंकर यादव, रामपत्ती का आरोप है कि बस्ती में बिना बिजली का तार खिचे हम लोगो को 9.500 का बिजली बिल भेज दिया गया। यही नहीं ग्रामीणो का आरोप है कि बिजली मीटर लगाने के नाम पर प्रति घर 300 सौ से ले 500 रुपये तक सुविधा शुल्क भी लिया गया।

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