दर्जनभर अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश

मंगलवार को पथरहिया स्थित मंडलायुक्त सभागार में पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। इसमें मंडल के सभी जिलों से आए 100 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन समस्याएं सुनी गईं और मौके पर निस्तारण किया गया। साथ ही बैठक में अनुपस्थित रहने वाले पेंशन भुगतान की समस्याएं हल न कर पाने वाले दर्जन भर अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश अपर आयुक्त सूर्यमणि लालचंद ने दिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 07:08 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 10:49 PM (IST)
दर्जनभर अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश
दर्जनभर अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मंगलवार को पथरहिया स्थित मंडलायुक्त सभागार में पेंशन अदालत का आयोजन किया गया। इसमें मंडल के सभी जिलों से आए 100 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन समस्याएं सुनी गईं और मौके पर निस्तारण किया गया। साथ ही बैठक में अनुपस्थित रहने वाले, पेंशन भुगतान की समस्याएं हल न कर पाने वाले दर्जन भर अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश अपर आयुक्त सूर्यमणि लालचंद ने दिए।

मंडलायुक्त कार्यालय में पेंशन अदालत के दौरान कई मामले ऐसे आए जिसमें अधिकारियों द्वारा भुगतान दर्शाया गया लेकिन पेंशनर के खाते में राशि नहीं पहुंची। ऐसे मामलों को 15 दिन के अंदर निस्तारित करने के निर्देश अपर आयुक्त द्वारा दिया गया। पेंशन अदालत में विजय शंकर दुबे, शिवकुमार, राजबली ¨सह, जयशंकर शुक्ल, अवधेश लाल श्रीवास्तव, गुलाबी देवी सहित सोनभद्र के राजकुमार शुक्ला, इसरावती देवी, ओमप्रकाश, स्नेहलता और भदोही के पेंशनर लालचंद, सरोज की समस्याएं सुनीं गईं व इनसे संबंधित जो अधिकारी बैठक में अनुपस्थित रहे उन सभी के वेतन रोकने के आदेश जारी किए गए। वहीं गजानंद दुबे, बच्चालाल पांडेय सहित 100 से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन संबंधी समस्याएं सुनीं गई और संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह व 15 दिन का समय देकर इनकी समस्या का समाधान करने का निर्देश दिया गया। इस अवसर पर अपर आयुक्त सूर्यमणि लाल सहित संयुक्त निदेशक कोषागार राजकुमार शुक्ला व अपर जिलाधिकारी राजित राम प्रजापति सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। महिला को दी गई प्राथमिकता

पेंशन संबंधी समस्याओं की सुनवाई के दौरान एक महिला ने अधिकारियों से कहा कि यहां कोई समाधान नहीं हो रहा है और बार-बार दौड़ाया जा रहा है। महिला की बात पर अधिकारियों ने उसकी बात सुनी और अधिकारी को बुलाकर मौके पर ही उनकी समस्या हल करने को कहा गया।

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