विशेषज्ञ चिकित्सकों के बिना सीएचसी बन गया रेफर सेंटर

जागरण संवाददाता जमालपुर (मीरजापुर) सीएचसी जमालपुर में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:10 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 09:10 PM (IST)
विशेषज्ञ चिकित्सकों के बिना सीएचसी बन गया रेफर सेंटर
विशेषज्ञ चिकित्सकों के बिना सीएचसी बन गया रेफर सेंटर

जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर) : सीएचसी जमालपुर में कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए हैं। आम दिनों की तरह ही यहां पर काम चलाया जा रहा है। यहां न तो ऑक्सीजन की सुविधा है और न ही वेंटीलेटर। ऐसे में तीसरी लहर के दौरान प्रभावित होने वाले बच्चों के लिए कोई मुकम्मल इंतजाम नहीं हैं। ओपीडी बंद होने से मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए मंडलीय चिकित्सालय के साथ समस्त सीएचसी व पीएचसी की व्यवस्था दुरूस्त करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावित होने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर इलाज मिल सके। जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जमालपुर का संचालन 2011 में हुआ था।

30 बेडों वाले इस चिकित्सालय में ग्रामीण इलाके के लोग इलाज कराने आते हैं। मुख्यालय से अधिक दूर स्वास्थ्य केंद्र होने के कारण मरीज मंडलीय चिकित्सालय नहीं आते हैं। स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं एक महिला चिकित्सक सहित कुल पांच चिकित्सकों की नियुक्ति है लेकिन केंद्र पर कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक की नियुक्ति न होने से गंभीर रूप से बीमार या घायलों के इलाज के लिए मरीजों को भटकना पड़ता है। एक्सरे मशीन नहीं, लैब टेक्निशियन

केंद्र पर एक्सरे मशीन नहीं है, लेकिन पिछले दो वर्ष से एक्सरे टेक्नीशियन की तैनाती की गई है। केंद्र पर एक महिला आयुष चिकित्सक एवं तीन फार्मासिस्ट की तैनाती है। स्वास्थ केंद्र पर दो पद स्वीपर का है लेकिन पिछले चार वर्षों से दोनों पद खाली रहने से सीएचसी की सफाई की व्यवस्था भगवान भरोसे रहती है। लैब टैक्नीशियन के तीन पद हैं, लेकिन वर्तमान में केवल दो पद रहने से मरीजों की जांच करने में भारी असुविधाएं होती है।

केंद्र पर खून, शुगर, टायफाइड, मलेरिया, प्रेग्नेंसी की जांच की सुविधा उपलब्ध है। सीएचसी पर अल्टासाउंड की मशीन न रहने से मरीजों को बाहर कराना पड़ता है। ओपीडी बंद, मरीजों का इलाज नहीं

दो डाक्टर की तैनाती एल-टू मीरजापुर में होने की वजह से यहां के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मरीजों का कहना है कि ओपीडी बंद होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं। इमरजेंसी में बहुत ही कम मरीज देखे जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है।

मशीन उपलब्ध

सीएचसी पर आक्सीजन की तीन कंसंट्रेटर मशीन उपलब्ध है। स्वास्थ्य केंद्र पर विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती न रहने से सीएचसी रेफर सेंटर बन गया है। गंभीर रूप से घायल मरीजों की मरहम पट्टी कर ट्रामा सेंटर वाराणसी के लिए रेफर कर दिया जाता है।

--------------------- तीसरी लहर से बचाव के लिए गांवों में घर -घर स्वास्थ्य कर्मियों को भेजकर कोरोना लक्षण मरीजों की खोज की जा रही है। 200 लोगों को मेडिसिन किट का वितरण किया जा चुका है। 25 गांवों में वितरण के लिए 2800 किट तैयार कराई जा रही है। चार आरआरटी टीम बनाकर गांवों में संभावित लक्षण वाले मरीजों की खोज की जा रही है।

डा. राजन सिंह प्रभारी चिकित्साधिकारी सीएचसी जमालपुर

chat bot
आपका साथी