कालीन रत्न से नवाजे गए राज कुमार, मिला सम्मान

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित इंडियन कारपेट एक्सपो में पूरे भारत से कालीन निर्यातकों ने हिस्सा लिया और कई विदेशी आयातक भी सम्मिलित हुए। वाराणसी के होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में जनपद के कालीन उद्यमी राजकुमार सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड कालीन रत्न से सम्मानित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 08:09 PM (IST) Updated:Tue, 15 Oct 2019 12:07 AM (IST)
कालीन रत्न से नवाजे गए  राज कुमार, मिला सम्मान
कालीन रत्न से नवाजे गए राज कुमार, मिला सम्मान

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कालीन निर्यात संव‌र्द्धन परिषद द्वारा आयोजित इंडियन कारपेट एक्सपो में पूरे भारत से कालीन निर्यातकों ने हिस्सा लिया और कई विदेशी आयातक भी सम्मिलित हुए। वाराणसी के होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में जनपद के कालीन उद्यमी राजकुमार सिंह को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड कालीन रत्न से सम्मानित किया गया।

सीइपीसी द्वारा आयोजित अवार्ड समारोह में विभिन्न वर्ग में कई प्रतिभावान उद्यमियों को पुरस्कृत किया गया। इसमें राजपूत कारपेट इंडस्ट्रीज, पटेहरा संस्थापक राजकुमार सिंह को परिषद द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड 'कालीन रत्न'की उपाधि दी गई। यह उनके बेहतर कार्य और कालीन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दिया गया। उनकी इस क्षेत्र में कई उपलब्धियों में यह एक है। इससे पहले वे राष्ट्रीय स्तर पर नौ बार पुरस्कृत हो चुके हैं। 1976 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. नारायण दत्त तिवारी के निर्देशन में हलिया, बसुहरा, बन्हैता जो कि जिले का अत्यंत पिछड़ा क्षेत्र था, वहां पर कालीन बुनाई का प्रशिक्षण केंद्र चलाया गया और उस क्षेत्र में कालीन की बुनाई हर घर में प्रारंभ हुई। इससे सबकी आर्थिक स्थिति काफी सुधरी। वहां की 90 फीसद आदिवासी आबादी जो कि दशकों से विकास की राह देख रही थी, उन्हें हुनरमंद बनाकर सक्षम बनाने का काम किया गया। इसका असर पूरे दक्षिणांचल पर पड़ा और फलस्वरूप आज वहां कई विद्यालय खुले, कई बड़े बाजार बने, भूमि की कीमत, खेती-बारी भी बेहतर हुई। वर्तमान में राजकुमार सिंह की पांच कारपेट इंडस्ट्रीज चल रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में कइयों को रोजगार मिल रहा है।

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