ठंड के मौसम में बीपी व शुगर के मरीज रहें सावधान
अक्टूबर व नवंबर से सर्दियों का मौसम शुरू होता है। मौसम बदलने से
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : अक्टूबर व नवंबर से सर्दियों का मौसम शुरू होता है। मौसम बदलने से लोग सर्दी-जुकाम व बुखार के साथ ही डेंगू, मलेरिया व टाइफाइड जैसे रोग की चपेट में आते हैं। इन सब परेशानियों से बचने के लिए लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है। जो लोग इससे ग्रसित होते हैं, वे डाक्टर की सलाह पर ही दवा खाएं। गर्म पानी और काढ़ा पीएं, सुबह-शाम ठंड से बचें। धूल भरे स्थानों पर न जाएं। सर्द मौसम में ब्लड प्रेशर की बीमारी अधिक होती है। सांस के रोगी भी बढ़ते हैं इसलिए जो भी लोग बीपी व शुगर के मरीज हैं, वे सावधानी बरतें। सुबह-शाम जरूर गर्म कपड़े पहनें। जो 50 से अधिक उम्र के हैं, उन्हें तो बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत है। इस दौरान दर्द की दवा अधिक न खाएं। इससे गुर्दे पर असर पड़ता है। ये जानकारी फिजिशियन एवं गुर्दा रोग विशेषज्ञ डाक्टर आनंद कुमार सिंह ने दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम हैलो डाक्टर में बुधवार को लोगों से फोन पर बातचीत के दौरान दी। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश-
सवाल : लेख लिखने के दौरान हाथ में बहुत दर्द होता है।
जवाब : इसे राइटर स्क्रैम बोलते हैं। अधिक लिखने से नस खींचने लगती है। इसके लिए न्यूरो विशेषज्ञ को दिखाएं। तभी इससे निजात मिलेगी।
सवाल : सर्दी-जुकाम व बुखार से कई दिनों से परेशान हैं।
जवाब : मौसम बदलने से ऐसा हो रहा है। इसमें सावधान रहने की जरूरत है। एक दो महीने सावधानी बरतने के बाद सब रूटीन में आ जाएगा।
सवाल : कई दिनों से खांसी व बुखार आ रहा है। स्थानीय डाक्टरों से दवाएं ली लेकिन सुधार नहीं हुआ।
जवाब : कई दिनों से खांसी-बुखार आ रहा तो यह वायरल फीवर होगा। दवा खाने के बावजूद सुधार नहीं हुआ तो जांच करा लें। स्थिति साफ हो जाएगी कि किस वजह से ऐसा हो रहा है।
सवाल : मेरा बारह साल का बेटा है। वह अक्सर सर्दी-जुकाम से पीड़ित रहता है। इससे निजात पाने का निदान बताएं।
जवाब : लड़का 12 साल का है और हमेशा सर्दी-जुकाम रहता है तो उसे ठंड से एलर्जी है। चिकित्सक की सलाह पर उसे एलर्जी की दवा खिलाएं।
सवाल : ठंड पड़ने पर उन्हें खांसी के साथ सर्दी हो जाता है। इससे निजात पाने की सलाह दें।
जवाब : ठंड में ऐसा सबको होता है। कुछ लेागों को ज्यादा होता है तो एलर्जी की दवा लें और चिकित्सक की सलाह पर एंटीबायोटिक दवा खाएं।
सवाल : ठंड के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव के उपाय बताएं।
जवाब : ठंड के मौसम में सर्दी-जुकाम व बुखार होता है। इसके अलावा ब्लड प्रेशर व शुगर अधिक बढ़ता है। इससे बचने के लिए सावधानी बरतें। ठंड में गर्म कपड़े पहनकर निकलें।
सवाल : मुझे ब्लड-प्रेशर व शुगर दोनों हैं । ठंड में किस तरह की सावधानी बरतनी होगी।
जवाब : सर्द मौसम में ब्लड प्रेशर व शुगर दोनों ही बढ़ते हैं। इससे अधिक सावधान रहने की जरूरत है। सुबह-शाम बाहर कम निकलें। जब भी निकलें, पूरे कपड़े पहनकर ही निकलें।
सवाल : सर्दी के मौसम में सुबह चेहरा लाल हो जाता है और शाम को ठीक हो जाता है। निजात बताएं।
जवाब : यह एलर्जी है। इसके लिए चर्म रोग डाक्टर को दिखाकर सलाह लें और दवाएं खाएं।
सवाल : पसली के नीचे हमेशा दर्द होता रहता है। क्या करें।
जवाब : पसली के नीचे दर्द के पीछे गैस होती है। पेट साफ नहीं होने से अधिक गैस बनती है। इससे दर्द होने लगता है या फिर पित्त की थैली में पथरी होगी। जांच करा लें, पता चल जाएगा।
सवाल : मेरा अक्सर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, क्या करें।
जवाब : सर्दी के मौसम में ब्लड प्रेशर व शुगर बढ़ना लाजिमी है। फिर भी सावधानी बरतने से निजात मिल सकती है। अक्सर बढ़ रहा तो डाक्टर को जरूर दिखा लें। नमक कम खाएं।
सवाल : मेरे फेफड़े में पानी आ गया था, बेहोश होकर गिर गए थे। कोई निजात बताएं।
जवाब : फेफड़े में पानी आ गया तो उसे न्यूरो विशेषज्ञ को दिखाएं। जनपद में कोई ऐसा है नहीं। बीएचयू या प्रयागराज के न्यूरो विभाग में जाकर दिखाएं।
सवाल : सर्दी के मौसम में अक्सर खुजली होने लगती है। उपाए बताएं।
जवाब : ठंड के मौसम में ऐसा होता है क्योंकि त्वचा साफ्ट होने लगी है। ऐसे में कोई लोशन या नारियल का तेल लगाएं, आराम मिलेगा।
सवाल : गुर्दा खराब न हो, इसलिए क्या सावधानी बरतें।
जवाब : गुर्दा जल्दी खराब नहीं होता है। लापरवाही बरतने से ही यह गड़बड़ होता है। अधिक दर्द की दवाएं नहीं खानी चाहिए। शुगर रोग से इस पर असर पड़ता है इसलिए इस पर कंट्रोल रखे।
सवाल : अक्सर एलर्जी रहती है, उपाय बताएं।
जवाब : अक्सर एलर्जी रहती है तो चिकित्सक को दिखाकर सलाह लें। फिलहाल शाम को सोते समय सेटजीन नाम की एक गोली रोज लें। आराम मिलेगा। इन लोगों ने पूछे सवाल
लवकुश सिंह राजगढ़, वीरेंद्र जैन कछवां बाजार, सुनील मिश्रा जमालपुर, संदीप सिंह राजगढ़, लालमनि यादव गोपालपुर, संजीव कुमार गैपुरा विजयपुर, भैयालाल सिंह भुड़कुड़ा, मनोज पटेल राजगढ़ नदिहार, नेहा गैपुरा, अनिल कुमार सिंह राजगढ़, नव्या गड़बड़ा, कमल सिंह राजगढ़, कृष्ण कुमार गुप्ता गैपुरा, दिनेश श्रीवास्तव कंतित विध्याचल, शनि यादव चौबे टोला, सोनावर खां डंकीनगंज आदि शामिल रहे।