बर्बाद न करें अन्ना का एक कण : कंचन द्विवेदी

क्षेत्र के बस्तरा गांव में चल रहे भागवत कथा के तीसरे दिन कथाकार साध्वी कंचन द्विवेदी ने कहा कि साधु का क्षण और अन्न का कण बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवत भक्ति एक आचारण है। यह मनन से ईश्वरीय शक्ति को जोड़ती है। कहा कि भक्ति एक तरंग है जो अ²श्य है। कहा कि अजामिल ने भगवत नाम से मुक्ति पायी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Dec 2019 07:56 PM (IST) Updated:Sat, 07 Dec 2019 07:56 PM (IST)
बर्बाद न करें अन्ना का
एक कण : कंचन द्विवेदी
बर्बाद न करें अन्ना का एक कण : कंचन द्विवेदी

जासं, लालगंज (मीरजापुर) : क्षेत्र के बस्तरा गांव में चल रहे भागवत कथा के तीसरे दिन कथाकार साध्वी कंचन द्विवेदी ने कहा कि साधु का क्षण और अन्न का कण बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवत भक्ति एक आचारण है। यह मनन से ईश्वरीय शक्ति को जोड़ती है। कहा कि भक्ति एक तरंग है जो अ²श्य है। कहा कि अजामिल ने भगवत नाम से मुक्ति पायी है।

चित्रकूट की भागवताचार्य सुश्री कंचन द्विवेदी ने कहा कि भाव से पतित भी संसार सागर से पार कर जाते है। अजामिल के चरित्र से भक्ति मार्ग आइने की तरह दिखाई देता है। कुविचार से मति भ्रष्ट होता है और सदविचार से विवेक का सागर बनता है। सांसारिक जीवन में भक्ति मनन और चितन की विषय है। इसका असर ये हुआ कि यमराज और भगवान नारायण के दूत आमने सामने आ गए। यहां बुरे कर्म के कारण यमराज और अच्छे नाम से नारायण दूत खड़े थे लेकिन रक्षा अजामिल की अच्छे नाम से हुई। इस संसार में भगवत भक्ति ही सबसे बड़ी सद्गुणों की जननी है। इस मौके पर बालकृष्ण पांडेय, श्रीकांत पांडेय, रविकांत पांडेय, प्रमुख नरेंद्र गिरि, हूबलाल दुबे, मनोज केशरी, अरूण उपाध्याय, जयप्रकाश उपाध्याय, पिटू, केशव तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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