आयुष्मान योजना नहीं आई काम, लाभार्थियों ने कर्ज लेकर कराया इलाज
जागरण संवाददाता मीरजापुर गरीबों को पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मुफ्त में देने के
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : गरीबों को पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा मुफ्त में देने के लिए चलाई गई आयुष्मान योजना कोरोना काल में काम नहीं आ रही। योजना के तहत अनुबंधित चिकित्सालय कोविड मरीजों का इलाज करने का बहाना बनाकर मरीजों को योजना का लाभ देने से इन्कार कर दे रहे हैं। चिकित्सकों की ओर से योजना का लाभ देने से हाथ खड़ा किए जाने पर मरीज अपनी जमीन व अन्य सामान बेचकर इलाज कराने के लिए विवश हैं।
भारत सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को एक साल में पांच लाख रुपये तक के चिकित्सीय सुविधा मुफ्त में देने के लिए आयुष्मान योजना चलाई है। इसके तहत कार्डधारक अपने परिवार के सदस्यों का एक साल में पांच लाख रुपये तक का इलाज समस्त सरकारी और जनपद के 20 प्राइवेट नर्सिंग होम में करा सकता है। इस तरह से लोगों का इलाज हो भी रहा था, लेकिन जैसे ही कोरोना काल आया तो सरकारी से लेकर नर्सिंग होम तक के प्रबंधन ने इसका लाभ देने से इन्कार कर दिया।
चिकित्सालय प्रशासन ने मरीजों से कहा कि इस समय कोविड के मरीज आ रहे हैं इसलिए आयुष्मान योजना की सेवाएं बंद हैं। अगर निजी नर्सिंग होम में इलाज कराएंगे तो इसके लिए धन देने होंगे। यह सुनकर मरीजों के होश उड़ गए। इलाज कराने के बाद जब चिकित्सालय ने उनको दो लाख रुपये का बिल पकड़ा दिया तो उसे भरने के लिए लोगों को अपनी जमीन तक बेचनी पड़ी। इसके बाद ही लोगों का इलाज हो पा रहा है। केस नंबर एक
नहीं मिला योजना का लाभ
लालगंज के डांगर खेड़ी गांव निवासी अजय कुमार ने अपने 50 वर्षीय घायल पिता लालमन इलाज कराने के लिए मंडलीय चिकित्सालय में चार फरवरी 2021 को भर्ती कराया। यहां बड़ा आपरेशन की सुविधा नहीं होने पर उन्हें बीएचयू के ट्रामा सेंटर ले गए। आपरेशन में एक लाख रुपये खर्च आना बताया गया। आयुष्मान कार्ड दिखाया तो नहीं लिया गया। इसके बाद मामला पीएमओ कार्यालय तक गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। वाराणसी के एक निजी चिकित्सालय ले गए, वहां भी योजना का लाभ नहीं देने की बात कही गई। थककर वे अपने पिता को घर ले आ।ए अभी तक वे अपने घर में पड़े दर्द से करा रहे हैं। केस नंबर दो
नगर के सिविल लाइन निवासी कमलेश कुमार भदोही में छह दिसंबर को भदोही जिले में जाते समय रास्ते में गाड़ी लड़ जाने के कारण घायल हो गए थे। उन्हें मीरजापुर के मंडलीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। हाथ में फैैक्चर होने के कारण उनका आपरेशन करने के लिए चिकित्सक ने कहा। उसमें लगभग 30 हजार रुपये खर्च आना बताया गया। आयुष्मान कार्ड दिखाया गया तो लेकिन चिकित्सालय ने उसका लाभ देने से इन्कार कर दिया। इससे वे दूसरे से कर्ज लेकर अपना इलाज कराए। ये हैं योजना के तहत अनुबंधित चिकित्सालय
1- खुशबू चाइल्ड क्लीनिक शुक्लहा, आनंद हास्पिटल चुनार, विश्वास नरर्सिंग होम राजगढ़, आयुष्मान पंचक्रम हास्पिटल मीरजापुर, रामकृष्ण सेवा आश्रम अस्पताल, अविवा नर्सिंग होम रमईपट्टी, नवजीवन हास्पिटल कैलहट, गीताजंलि नर्सिग होम नरायनपुर, सत्या हास्पिटल नरायनपुर, वेदांता हास्पिटल नरायनपुर, एपेक्स हास्पिटल चुनार, जनता नर्सिंग होम आदि शामिल हैं। वर्जन
आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया जा रहा है। सभी नर्सिंग होम प्रबंधकों को इलाज करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसमें जो लापरवाही बरत रहे हैं, उनके विरद्ध कार्रवाई की जाएगी।
डा. सुबोध कुमार सिन्हा, प्रभारी आयुष्मान योजना