बारिश होने से सीखड़ वासियों की दुश्वारियां

बारिश शुरू होने के साथ ही सीखड़ के सातों पुरा के निवासियों की दुश्वारियां भी शुरू हो गई। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी इनको पूरी बरसात के मौसम तक सीखड़-मगरहा मार्ग पर एक से दो फीट जमे रहने वाले गंदे नाले व बारिश के पानी में से गुजरना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Jun 2020 09:01 PM (IST) Updated:Mon, 22 Jun 2020 06:08 AM (IST)
बारिश होने से सीखड़  वासियों की दुश्वारियां
बारिश होने से सीखड़ वासियों की दुश्वारियां

जासं, सीखड (मीरजापुर) : बारिश शुरू होने के साथ ही सीखड़ के सातों पुरा के निवासियों की दुश्वारियां भी शुरू हो गई। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी इनको पूरी बरसात के मौसम तक सीखड़-मगरहा मार्ग पर एक से दो फीट जमे रहने वाले गंदे नाले व बारिश के पानी में से गुजरना होगा। सात पुरा के पांच ग्राम पंचायतों के बाशिदों को बैंक, बाजार या अन्य आवश्यक कार्य के लिए प्रमुख बाजार मगरहा जाने के लिए एक मात्र सीखड़ मगरहा मार्ग है। बारिश के मौसम में ललही की पोखरी के पास लगभग पचास मीटर मार्ग पर एक फीट से दो फीट पानी जमा रहता है। ललही की पोखरी के पास मार्ग के आसपास लोग घर बना कर रहते भी हैं। तमाम के चौखट तक पूरे मौसम जल भरे रहने से उन्होंने इसे अपनी नियति मान ली है। इस जल जमाव में पेयजल के लिए लगाए गए हैंडपंप भी चालू अवस्था में है। ऐसी बदहाल जिदगी जीने के लिए विवश खासकर सीखड़ व लालपुर के ग्रामवासी पिछले कई वर्षों से इस समस्या के निजात के लिए सरकारी दफ्तरों व जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगाते लगाते थक चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। क्या कहते हैं ग्रामवासी

अब हम लोगों को किसी से कोई उम्मीद नहीं है। पिछले वर्ष समस्या से निजात पाने के लिए गांव वालों के सहयोग से वाटर पंप लगाकर इकट्ठा पानी को बाहर निकाला गया था।

-मुकेश, लालपुर वर्षो से चली आ रही इस समस्या के लिए पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक, सांसद सभी को कई बार आवेदन के माध्यम से तथा व्यक्तिगत रूप से भी विनती की गई लेकिन किसी ने इसके निराकरण के लिए कुछ नहीं किया।

-सच्चिदानंद, लालपुर पूर्व में विधायक निधि से प्राप्त धन से जो कार्य कराया गया उसका सही उपयोग हुआ होता तो समस्या न रहती।

-छेदीलाल, प्रधान प्रतिनिधि-लालपुर दो ग्राम पंचायतों के बीच में फंसे होने से कार्य पूर्ण कराने में अड़चन आ रही है जिसके कारण लोगों को समस्या से जूझना पड़ रहा है।

राजेश कुमार, प्रधान प्रतिनिधि-सीखड़

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