सूपर्णखा की नाक कटते ही जय श्रीराम के जयघोष से गूंजा पंडाल

जागरण संवाददाता कछवां (मीरजापुर) आदर्श नगर पंचायत स्थित रामलीला मैदान पर श्री रामलीला सि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 05:48 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 05:48 PM (IST)
सूपर्णखा की नाक कटते ही जय श्रीराम के जयघोष से गूंजा पंडाल
सूपर्णखा की नाक कटते ही जय श्रीराम के जयघोष से गूंजा पंडाल

जागरण संवाददाता, कछवां (मीरजापुर) : आदर्श नगर पंचायत स्थित रामलीला मैदान पर श्री रामलीला समिति और कछवां उद्योग व्यापार मंडल के तत्वावधान में आयोजित रामलीला मंचन के दौरान सोमवार की रात अगस्त्यमुनि की ओर से श्रीराम को पंचवटी में भेजना। पंचवटी में लक्ष्मण द्वारा सूर्पणखा की नाक काटना और खरदूषण व त्रिशला का वध का मंचन कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस दौरान दर्शकों के जयश्री राम के उद्घोष से रामलीला मैदान गूंज उठा। दर्शकों ने कलाकारों का तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया।

सीता खोज के बाद हनुमान ने जलाई सोने की लंका

अहरौरा : नगर के चौक बाजार में स्थित शंकरजी मंदिर पर श्रीबाल रामलीला समिति के तत्वावधान में बाली सुग्रीव लड़ाई, अक्षय कुमार वध एवं लंका दहन लीला का सुंदर मंचन किया गया। सुग्रीव सीता की खोज का कार्य भूल जाते है। अत: राम, लक्ष्मण के लिए सुग्रीव को बुलाने के लिए किष्कंधा भेजते है। लक्ष्मण क्रोधित होकर सुग्रीव के महल में पहुंचते है सुग्रीव भयभीत होकर क्षमा मांगते है। श्रीराम के आदेशानुसार सीता की खोज की तैयारियां शुरू हो जाती है। सागर किनारे जाकर सभी विचार करते है कि सागर पार जाने के लिए जामवंत जी हनुमान को उनके बल की याद दिलाते है। लंका पहुंचने पर हनुमान को विभीषण अशोक वाटिका का पता बताते है और कहते है कि सीता जी वही विराजमान है। हनुमान अशोक वाटिका जाकर राम जी द्वारा दी हुई मुद्रिका सीता जी के आगे डाल देते है। सीता मुद्रिका देख असमंजस में पड़ जाती है। हनुमान सामने आकर प्रणाम कर अपना परिचय देते है और अशोक वाटिका को तहस-नहस कर देते है। अत: उनकी पूछ में आग लगा देते है और वह अपनी पूछ से पूरी लंका जला देते है।

शबरी के जूठे बेर को खाया भगवान राम ने

हलिया : प्रयागराज जनपद के कलाकारों द्वारा कोटा शिवप्रताप सिंह गांव के रामलीला मैदान में शबरी आश्रम में भगवान द्वारा मीठे बेर खाने के बाद सुग्रीव मित्रता तथा बाली वध का मंचन किया गया। प्रभु श्रीराम, भाई लक्ष्मण के साथ सीता की खोज में जंगल में भटक रहे थे। शबरी द्वारा जय श्रीराम की आवाज सुनाई देती हैं। पास जाने पर देखते हैं कि एक वृद्ध महिला कुटी में प्रभु नाम का जप कर रही है। कुटिया में प्रवेश किया तो सुंदर भाइयों को देख शबरी उनके चरणों में लेट गई। श्रीराम के प्रेम के वशीभूत होकर शबरी ने उन्हें अपने झूठे बेर खिलाया। इस दौरान अध्यक्ष ओंकार नाथ पांडेय, शिवेंद्र प्रताप सिंह कमलेश मिश्रा आदि रहे।

राम ने सुग्रीव से मित्रता

कर बाली को मारा

भावां : आदर्श रामलीला समिति देवपुरा में सीता हरण, जटायु मरण और बाली वध का मंचन किया गया। सीता को खोजते हुए राम आश्रम पहुंचते हैं। यहां शबरी बताती है कि किष्किधा पर्वत पर बंदरों के राजा सुग्रीव रहते हैं उनसे आप मित्रता करो वह सीता को खोजने में मदद करेंगे। राम लक्ष्मण किष्किधा पर्वत पर जाते हैं, जहां हनुमान जी भगवान राम को सुग्रीव से मिलाकर दोस्ती कराते हैं। सुग्रीव बताता है कि मैं अपने भाई बाली के डर से यहां छिप कर रहता हूं। उसने मेरी पत्नी को भी मुझसे छीन लिया है। तब राम की आज्ञा पर सुग्रीव बाली से युद्ध करता है एक बार में सुग्रीव बाली को मर कर अधमरा कर देता है तो राम छिपकर बाली को बाण से मारते हैं और उसकी मृत्यु हो जाती।

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