कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जलप्रबंधन के दिए टिप्स

भैंसा गांव के प्राइमरी पाठशाला के प्रांगण में जलशक्ति किसान मेले में किसानों को जल है तो कल है का सिद्धांत समझाया गया। साथ ही जल प्रबंधन के गुर समझाए गए। काशी हिदू विश्वविद्यालय दक्षिणी परिसर (बरकछा) से आए विद्वानों ने उपस्थित किसानों को जल के विषय में जानकारी देते हुए बताते हुए कहा कि पृथ्वी पर पीने योग्य पानी कुल पानी का मात्र 3त्‍‌न है। ऐसे में हमें अब पानी को आने वाली पीढ़ी के लिए बचाना है नहीं तो आने वाली पीढ़ी के साथ अन्याय होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Sep 2019 07:55 PM (IST) Updated:Sat, 14 Sep 2019 07:55 PM (IST)
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जलप्रबंधन के दिए टिप्स
कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को जलप्रबंधन के दिए टिप्स

जागरण संवाददाता, कछवां (मीरजापुर) : भैंसा गांव के प्राइमरी पाठशाला के प्रांगण में जलशक्ति किसान मेले में किसानों को जल है तो कल है का सिद्धांत समझाया गया। साथ ही जल प्रबंधन के गुर समझाए गए। काशी हिदू विश्वविद्यालय दक्षिणी परिसर (बरकछा) से आए विद्वानों ने उपस्थित किसानों को जल के विषय में जानकारी देते हुए बताते हुए कहा कि पृथ्वी पर पीने योग्य पानी कुल पानी का मात्र 3 फीसद ही है। ऐसे में हमें अब पानी को आने वाली पीढ़ी के लिए बचाना है नहीं तो आने वाली पीढ़ी के साथ अन्याय होगा।

कृषि विज्ञान केंद्र बीएचयू दक्षिणी परिसर डा. रामसिंह ने कहा कि जैसी जमीन हो वैसी खेती करें जैसे बलुइ मिट्टी में अनावश्यक धान की रोपाई करना पानी का अपव्यय है। ऐसी जमीन पर कम पानी से काम चलने वाले फसल और सब्जी तथा बागवानी करें। कम दिन में पैदा होने वाले गेहूं मालवीय 510, सी 306, के 68 जो कम पानी लेते हैं। सब्जी में टमाटर बागवानी निबू, अमरुद, आंवला कटहल आदि की खेती करें। डा. एसके गोयल फार्म अभियंत्रण अधिकारी ने जल ही जीवन है को बताते हुए कहा कि सिचाई को स्प्रिंकलर विधि (फुहारा) या टपक विधि से सिचाई का कार्य करने से जल संरक्षण किया जा सकता है। डा. जीपी तिवारी प्रबंधन इफको में तरल जैव उर्वरक का प्रयोग करके जमीन में पड़े हुए फास्फोरस और पोटास को एक्टिवेट कर फसल को लाभ पहुंचाए और खेत नमी बनाए रखने में मदद पाएं इसके प्रयोग से पानी को बचाया जा सकता है। डा. गुरु प्रसाद सिंह पशुपालन के बारे में बताया कि पशुओं में टीकाकरंण जरुर कराएं, नमक जरुर खिलाएं, पशुओं को थोड़ा टहलाएं। प्रो. एसपी सिंह उद्यान विभाग खेती के साथ-साथ उद्यान का भी प्रबंध जरुर करें बाग बगीचे की मेड़ बंदी कराने से जल संरक्षण होता है। इस अवसर पर डा. संत सिंह, संजय दुबे, पारसनाथ सिंह, धनन्जय नारायण शर्मा, शैलेंद्र सिंह, अनिल दुबे, पिकू दुबे, रोहित सिंह, गोलू, बोदर सिंह आदि।

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