Zika Virus Test: मेरठ मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब में भी हो सकती है जीका वायरस की जांच

Zika Virus Test मेरठ में मेडिकल कालेज की लैब भी जीका वायरस की जांच करने में सक्षम है। प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता एवं माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि जीका की जांच के लिए मॉलीक्यूलर एवं सीरोलोजिकल मेथड का प्रयोग होता है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 12:40 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 12:40 PM (IST)
Zika Virus Test: मेरठ मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब में भी हो सकती है जीका वायरस की जांच
थाईलैंड, फिलीपींस, मलेशिया से आने वालों पर होगी खास नजर।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Zika Virus Test मेरठ के मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब में भी जीका वायरस जांचने की क्षमता है। अगर प्रदेश सरकार ने कहा तो लैब में उच्च गुणवत्ता के साथ वायरस की जांच की जा सकती है। इसके लिए अलग रिजेंट मंगवाने पड़ेंगे। कानपुर में जीका वायरस से संक्रमित मरीज मिलने के बाद प्रदेश में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

जांच के मामले में अव्‍वल

मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब कोरोना जांच के मामले में सूबे की अग्रणी लैबों में रही है। मार्च 2020 से अब तक लाखों कोविड सैंपलों की जांच की चुकी है। प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता एवं माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि जीका की जांच के लिए मॉलीक्यूलर एवं सीरोलोजिकल मेथड का प्रयोग होता है। मॉलीक्यूलर में पीसीआर तकनीक अपनाते हुए वायरस की संख्या बढ़ाकर जांच होती है, वहीं सीरोलोजिकल में एंटीबाडी को पकड़ा जाता है।

विदेश से आने वालों की होगी स्क्रीनिंग

सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि मेरठ को हाई अलर्ट किया गया है। विदेशों से आने वालों की स्क्रीनिंग की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित निगरानी समितियों को विदेश से आने वालों की जानकारी देने के लिए कहा गया है। देश में यह बीमारी केरल में ज्यादा होती है, जबकि विदेशों में अफ्रीकी देशों के साथ ही फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम एवं लाओस में भी मरीज मिलते रहते हैं।

एडीज मच्छर से इंफेक्‍शन

मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान को जीका के सर्विलांस के लिए प्रदेश सरकार ने कानुपर भेजा है। इस बीमारी की जांच एनआइवी पुणे या एसजीपीजीआइ लखनऊ में की जाएगी। बता दें कि जीका एक प्रकार का वायरस है, जो संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। फ्लू, बुखार व दर्द जैसे लक्षण उभरते हैं, लेकिन गर्भ में पल रहे शिशु के लिए बेहद खतरनाक साबित होता है।

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