मेरठ में नशा मुक्ति केंद्र पर युवक की हत्‍या: पहले दी थी आत्महत्या की सूचना, पुलिस ने खोल दी पोल

नशा मुक्ति केंद्र में युवक की हत्या के मामले में पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई लेकिन पुलिस ने जांच शुरू की तो जल्द ही हत्या की बात सामने आ गई। नशा मुक्ति केंद्र संचालक ने फोन पर पुलिस को पहले आत्महत्या की सूचना दी थी।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 01:16 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 01:16 PM (IST)
मेरठ में नशा मुक्ति केंद्र पर युवक की हत्‍या: पहले दी थी आत्महत्या की सूचना, पुलिस ने खोल दी पोल
नशा मुक्ति केंद्र पर युवक की हत्‍या का मामला।

जागरण संवाददाता, मेरठ। नशा मुक्ति केंद्र में युवक की हत्या के मामले में पहले पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने जांच शुरू की तो जल्द ही हत्या की बात सामने आ गई। नशा मुक्ति केंद्र संचालक शिवम की मां विमलेश देवी ने फोन पर पुलिस को पहले आत्महत्या की सूचना दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति देखी तो उन्हें विमलेश की बात पर शक हुआ। इसके बाद पूछताछ शुरू करते ही उन्होंने सबकुछ उगलना शुरू कर दिया और बताया कि 42 वर्षीय मृतक रोहित का शव बेड में छिपा दिया गया था। वे डर से इस बात को पहले छुपा रहे थे।

एसपी सिटी विनीत भटनागर के मुताबिक दोपहर के समय विमलेश देवी ने अपने बेटे को सूचना देने के बाद पुलिस को रोहित के आत्महत्या की सूचना दी थी। ऐसी स्थिति में केंद्र से भागे युवकों के स्वजन से संपर्क किया गया। लेकिन उन्होंने जानकारी होने से इन्कार कर दिया। देर रात पुलिस जांच में मामला कुछ और ही निकला। महिला व उसके बेटे ने हत्या की घटना कई घंटे तक पुलिस से छिपाकर रखा। वही आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ में पता चला की कई सालों से शिवम घर में ही नशा मुक्ति केंद्र चला रहा है। जबकि उसने बताया कि लाकडाउन के बाद उसने घर में केंद्र को शिफ्ट किया है। इसकी भी जांच की जा रही है। उसने देर रात फरार युवकों के विरुद्ध हत्या की तहरीर दी है। मृतक की माता-पिता पंजाब में नौकरी करते है। सूचना के बाद वह पंजाब से मेरठ रवाना हो गए।

ऐसे कैसे चल रहा था नशा मुक्ति केंद्र

शिवपुरम में संचालित इस नशा मुक्ति केंद्र पर भी सवाल उठ रहे हैं। आबादी के बीच में बगैर किसी मनोचिकित्सक, पर्याप्त सुरक्षा के तीन कमरों में यह केंद्र कैसे संचालित हो रहा था। केंद्र की हालत कैसी थी, इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि संचालक के पास मृतक और हत्यारोपितों की तस्वीर तक नहीं थी जबकि इनका इलाज ये पिछले दो-तीन महीने से करने का दावा कर रहे हैं। बहरहाल, शिवपुरम में केंद्र संचालन के पीछे शिवम का तर्क है कि कोरोना काल से पहले दिल्ली-देहरादून बाइपास के निकट उनका केंद्र था। कोरोना में खर्च बचाने के लिए यहां शिफ्ट कर लिया हालांकि वे केंद्र संचालन की कोई वैध अनुमति नहीं दिखा सका। इस प्रकरण में पर एसपी सिटी विनीत भटनागर का का कहना है कि प्रकरण में संचालक के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।

chat bot
आपका साथी