'गंदे पानी' से भी गंदा आपका रवैया

मेरठ जेएनएन। वार्ड 22 अंतर्गत गगन विहार व गगन एंक्लेव में त्योहार पर लोगों के घरों में दूषित

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 08:05 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 08:05 AM (IST)
'गंदे पानी' से भी गंदा आपका रवैया
'गंदे पानी' से भी गंदा आपका रवैया

मेरठ, जेएनएन। वार्ड 22 अंतर्गत गगन विहार व गगन एंक्लेव में त्योहार पर लोगों के घरों में दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। गुस्साए लोग क्षेत्रीय पार्षद के आवास पर पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। हालांकि समस्या का निराकरण नहीं हो सका।

क्षेत्रीय पार्षद डिपल चौधरी का कहना है कि वार्ड 22 में रोहटा रोड किनारे नाले का निर्माण हुआ है। इस दौरान पेयजल आपूर्ति की पाइप लाइन लीकेज हो गई है। यह पाइप लाइन नाले से होकर गुजरती है। जिससे आपूर्ति के दौरान नाले का पानी लोगों के घरों में पहुंच रहा है। पार्षद ने बताया कि गगन विहार और गगन एंक्लेव से गजेंद्र सिंह, इंदरपाल सिंह, बबलू गुप्ता समेत अन्य लोगों ने शिकायत की है। यह समस्या पिछले तीन दिन से बनी हुई है। क्षेत्रीय पार्षद ने कहा कि जलकल अनुभाग के जेई दुष्यंत कुमार को जानकारी दी गई थी। मांग की गई थी कि त्योहार के मद्देनजर जल्द पाइप लाइन ठीक कराई जाए। वहीं, जलकल अनुभाग के महाप्रबंधक कुमार गौरव ने कहा कि मामला गंभीर है। संबंधित जेई को सूचना मिली थी तो पाइप लाइन की लीकेज ठीक करवाकर शुद्ध पेयजल आपूर्ति को सुचारू कराना चाहिए था। इस संबंध में अवर अभियंता से पूछताछ की जाएगी। साथ ही समस्या का निराकरण कराया जाएगा। अब 20 दिन नलकूपों के पानी के सहारे रहेगा शहर

मेरठ। गंगनहर व उससे जुड़े रजवाहों की सफाई के लिए शुक्रवार मध्य रात्रि से चार नवंबर की मध्य रात्रि तक के लिए गंगनहर बंद कर दी गई। इससे भोला की झाल स्थित 100 एमएलडी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से अगले 20 दिन तक तक शहर में गंगाजल आपूर्ति नहीं होगी। इस दौरान वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जलकल अनुभाग ने टाउनहाल परिसर समेत विकासपुरी, शर्मा स्मारक और सर्किट हाउस क्षेत्र में स्काडा सिस्टम आधारित बंद पड़े नलकूपों को चालू कर दिया है। हालांकि महाप्रबंधक जलकल कुमार गौरव का कहना है गंगाजल आपूर्ति मध्य रात्रि से बंद होगी। शुक्रवार को दिन में गंगाजल से ही भूमिगत जलाशय भरे गए हैं। नलकूपों को चलाकर देखा गया था, ताकि शनिवार से व्यवस्था सुचारू करने में कोई दिक्कत न हो। भूमिगत जलाशय वाले क्षेत्र में करीब 10 नलकूप प्रतिदिन 18 घंटे चलाए जाएंगे। ताकि 40 एमएलडी गंगाजल आपूर्ति बंद होने पर इतने पानी की आपूर्ति की जा सके। जबकि शेष क्षेत्रों में 147 नलकूप अपने पूर्व निर्धारित शेड्यूल के अनुसार ही चलेंगे।

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