न्याय के लिए युवक की सहारनपुर से सुप्रीम कोर्ट तक पैदल यात्रा, लोगों पर लगाया उत्‍पीड़न का आरोप‍

न्याय मांगने के लिए सहारनपुर का एक युवक सुप्रीम कोर्ट तक पैदल यात्रा की है। युवक ने मंगलवार से साढ़े 12 बजे से अपनी यात्रा डीएम कार्यालय से शुरू की। उसका कहना है कि लखनऊ में पकडे गए मतांतरण कराने वाले लोगों से मिली सूची में उसका भी नाम था।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 03:24 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 03:24 PM (IST)
न्याय के लिए युवक की सहारनपुर से सुप्रीम कोर्ट तक पैदल यात्रा, लोगों पर लगाया उत्‍पीड़न का आरोप‍
सहारनपुर से सुप्रीम कोर्ट तक युवक की पैदल यात्रा।

जागरण संवाददाता, सहारनपुर। न्याय मांगने के लिए सहारनपुर का एक युवक सुप्रीम कोर्ट तक पैदल यात्रा की है। युवक ने मंगलवार की दोपहर साढ़े 12 बजे से अपनी यात्रा डीएम कार्यालय से शुरू की। उसका कहना है कि लखनऊ में पकडे गए मतांतरण कराने वाले लोगों से मिली सूची में उसका भी नाम शामिल था। एटीएस की जांच में वह बेकसूर पाया गया है। अब लोग युवक को गलत संगठनों का सदस्य बताकर उसका उत्पीडऩ कर रहे हैं। इसलिए वह जनहित में सुप्रीम कोर्ट के लिए पैदल यात्रा शुरू की।

दरअसल, नागल थानाक्षेत्र के गांव शीतलाखेड़ी निवासी प्रवीण कुमार उर्फ पर्व कवि है। उन्होंने नमो गाथा, मोदी एक विचार, योगी से योगीराज तक किताबें लिखी हुई हैं। प्रवीण कुमार ने बताया कि कुछ दिन पहले एटीएस लखनऊ ने कुछ लोगों को मतांतरण प्रकरण में गिरफ्तार किया था। उनके पास मिली सूची में उसका भी नाम था। प्रवीण का कहना है कि उसकी एक किताब से फोटो उठाकर मतांतरण वाले फार्म पर लगाकर उसका नाम व पता भी दर्ज कर लिया था। इस मामले में एटीएस ने 21 जून से 24 जून तक लखनऊ में पूछताछ की थी। एटीएस की जांच में उसे निर्दोष पाया गया था। प्रवीण कुमार का कहना है कि अब उसके गांव और आसपास के गांवों के लोग उसे गलत बताकर उत्पीडऩ कर रहे हैं। उसके घर पर आतंकी लिखकर पर्चे फेंके जा रहे हैं। दीवार पर पर भी यही शब्द लिख दिया गया। इसलिए वह डीएम सहारनपुर आफिस से सुप्रीम कोर्ट तक पैदल जाकर याचिका लगाएगा। ताकि निर्दोष लोगों का उत्पीडऩ न हो सके।

पीएचडी का छात्र है प्रवीण

प्रवीण ने बताया कि उसने यूजीसी नेट परीक्षा 2019 में पास की। जूनियर रिसर्च फेलोशिप परीक्षा 2020 में पास की। अब पीएचडी कर रहा है। एसएसपी ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि युवक का कोई उत्पीडऩ कर रहा है तो उसे पुलिस में शिकायत करनी चाहिए। हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।  

मेरठ के दौराला तक पहुंचा प्रवीण, रेलवे स्टेशन पर गुजारी रात

मतांतरण में नाम जोडऩे तथा निर्दोष साबित होने के बाद भी सहारनपुर के एक युवक को लगातार उत्पीडि़त किया जा रहा था। इससे परेशान युवक ने सहारनपुर से सुप्रीम कोर्ट तक पैदल यात्रा करने का ऐलान किया। गुरुवार रात तक वह मेरठ के दौराला तक पहुंच गया था। रात युवक ने दौराला के रेलवे स्टेशन पर गुजारी। उसकी इस यात्रा से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कोतवाली प्रभारी नागल ने उसके घर जाकर युवक को वापस लौटने के लिए स्वजनों से बातचीत की, लेकिन बातचीत का कोई हल नहीं निकला। युवक ने लौटने से इंकार कर दिया है। दरअसल नागल थानाक्षेत्र के गांव शीतलाखेड़ी निवासी प्रवीण कुमार उर्फ पर्व एक लेखक के साथ साथ कवि भी है। प्रवीण कुमार ने नमो गाथा, मोदी एक विचार, योगीराज से योगीराज तक किताबे लिखी हुई है। प्रवीण कुमार के अनुसार कुछ दिन पहले एटीएस लखनऊ ने कई आतंकियों को गिरफ्तार किया था। राजफाश किया था कि वह एक हजार लोगों का मतांतकरण करा चुके हैं। एटीएस को जो सूची मिली उसमे प्रवीण कुमार का भी नाम था।

घर की दीवार पर आतंकी

प्रवीण का कहना है कि उसकी एक किताब से फोटो उठाकर मतांतरण वाले फार्म पर लगाकर उसका नाम व पता भी दर्ज कर लिया था। इस मामले में एटीएस ने 21 जून से 24 जून तक लखनऊ में पूछताछ की थी। एटीएस की जांच में उसे निर्दोष पाया गया था। प्रवीण के अनुसार अब गांव और आसपास के गांवों के लोग उसे आतंकी बताकर उत्पीडऩ कर रहे हैं। उसके घर पर एक पर्चे पर आतंकी लिखकर चिट्ठी फेंकी जा रही है। उसके घर ही दीवार पर आतंकी लिख दिया गया। इसलिए उसने डीएम सहारनपुर आफिस से सुप्रीम कोर्ट तक पैदल यात्रा शुरू की है। वहां जाकर वह याचिका लगाएगा, ताकि निर्दोष लोगों का उत्पीडऩ न हो सके। इस मामले में नागल थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर बीनू चौधरी गुरुवार को उसके घर पहुंचे। इंस्पेक्टर ने बताया कि एसएसपी के आदेश पर वह घर गए तथा स्वजनों से बात कर युवक को वापस बुलवाने के लिए कहा, लेकिन युवक मानने को तैयार नहीं है। प्रवीण ने कहा कि वह दौराला के रेलवे स्टेशन पर रुका हुआ है, अब वह अपनी यात्रा पूरी कर के ही लौटेगा। उसका उद्देश्य उत्पीडऩ करने वालों को दंड दिलाना है।

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