आपके कंधों पर है बड़ी जिम्मेदारी, हर मरीज को दिलाएं इलाज

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मेरठ दौरे की शुरुआत कलक्ट्रेट स्थित इंटीग्रेटिड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के निरीक्षण से की। उन्होंने वहां तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से जहां उनकी जिम्मेदारी की जानकारी ली वहीं उन्हें प्रोत्साहित भी किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:11 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:11 AM (IST)
आपके कंधों पर है बड़ी जिम्मेदारी, हर मरीज को दिलाएं इलाज
आपके कंधों पर है बड़ी जिम्मेदारी, हर मरीज को दिलाएं इलाज

मेरठ, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मेरठ दौरे की शुरुआत कलक्ट्रेट स्थित इंटीग्रेटिड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के निरीक्षण से की। उन्होंने वहां तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों से जहां उनकी जिम्मेदारी की जानकारी ली, वहीं उन्हें प्रोत्साहित भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ाई में कंट्रोल सेंटर रीढ़ की हड्डी है। आप सभी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। यहां से प्रत्येक कार्य को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हो या होम आइसोलेशन में, प्रत्येक मरीज को इलाज मिले।

मुख्यमंत्री सबसे पहले जिलाधिकारी कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम के स्वास्थ्य विभाग वाले भाग में पहुंचे। यहां चिकित्सकों की टीम द्वारा रोजाना मिलने वाले नए मरीजों के घर रैपिड रेस्पांस टीम भेजकर उन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा दिलाई जाती है। मुख्यमंत्री एक-एक सीट पर पहुंचे। वहां तैनात चिकित्सकों और कर्मचारियों और उनके कार्य की जानकारी ली। जिलाधिकारी के. बालाजी तथा सिटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें वहां होने वाले कार्य की जानकारी दी। यहां से मुख्यमंत्री बचत भवन सभागार में स्थापित कंट्रोल सेंटर के मरीजों से फीडबैक वाले सेक्शन में पहुंचे। वहां से होम आइसोलेशन तथा अस्पतालों में भर्ती मरीजों से फोन पर उनके इलाज व अन्य सुविधाओं के संबंध में सत्यापन किया जाता है। डीएम ने बताया कि कंट्रोल सेंटर में 24 घंटे तीन शिफ्ट में काम किया जाता है। प्रत्येक मरीज से बात करके उसकी समस्या और शिकायत की जानकारी ली जाती है। गंभीर मरीजों को होम आइसोलेशन से निकालकर अस्पताल में शिफ्ट कराया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेट मरीजों से निरंतर संपर्क में रहें। उन्हें मेडिकल किट हर हाल में मिले। हालत बिगड़े तो तत्काल उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाए। कंट्रोल रूम के माध्यम से मरीजों को अस्पतालों में बेड उपलब्ध कराए जाएं। सुनिश्चित किया जाए कि मरीजों को अस्पतालों में अच्छा उपचार, गुणवत्तापूर्ण भोजन तथा अच्छा वातावरण मिले।

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