आप अपने घर पर भी बना सकते हैं प्राकृतिक दूध, नेचुरोपैथी की विशेषज्ञ बता रहीं हैं तरीका
हम दूध का विकल्प अपने घर पर तैयार कर सकते हैं। नेचुरोपैथी की विशेषज्ञ डा. इंदू बताती हैं कि सोयाबीन तिल मूंगफली नारियल मेवा बीज आदि से दूध बनाया जा सकता है। मिठास के लिए शहद खजूर किशमिश का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। बहुत से लोग रात में सोते समय दूध पीना पसंद करते हैं। लेकिन शहरों में शुद्ध दूध मिलना थोड़ा मुश्किल है। कई बार मिलावट, सिंथेटिक दूध पीने से हम बीमार भी पड़ जाते हैं। ऐसे में हम दूध का विकल्प अपने घर पर तैयार कर सकते हैं। नेचुरोपैथी की विशेषज्ञ डा. इंदू बताती हैं कि सोयाबीन, तिल, मूंगफली, नारियल, मेवा, बीज आदि से दूध बनाया जा सकता है। मिठास के लिए शहद, खजूर, किशमिश का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। उन्होंने कुछ चीजों से दूध बनाने का तरीका भी बताया है।
मूंगफली का दूध ऐसे बनाते हैं
कच्ची मूंगफली को 12 घंटे तक पानी में भिगो दें। फिर उसे मिक्सी में पीसकर पेस्ट बना लें। उसमें आवश्यकतानुसार आठ गुना गर्म या ठंडा पानी डालकर छान लें। इस तरह से मूंगफली का दूध तैयार हो गया। दूध को गाढ़ा या पतला करने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। मूंगफली के दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, विटामिन बी, लोहा, कैल्शियम, फास्फोरस मिल सकता है।
तिल से ऐसे बना सकते हैं दूध
डा. इंदू के अनुसार सफेद तिल को 10 से 12 घंटे तक पानी में भिगो दें। भीगे हुए तिलों को मिक्सी में पीसकर पेस्ट बना लें। फिर उसे पानी में मिला लें। तिल वाले दूध में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी, सी, ई, फास्फोरस मिलता है। तिल के दूध का दही और पनीर भी बनाया जा सकता है।
सोयाबीन का दूध इस तरह से होता है तैयार
डा. इंदू बताती हैं कि एक लीटर दूध बनाने के लिए 100 ग्राम सोयाबीन शाम को पानी में भिगोकर रात में रख लें। सुबह तक सोयाबीन के दाने फूल जाएंगे। इसे मिक्सी में पीसकर 800 मिलीलीटर पानी मिला लें। फिर हल्की आंच पर 10 से 15 मिनट तक उबालें। फिर ठंडा होने पर पिसी हुई इलायची और शहद डाल दें। सोयाबीन का दूध एक तरह से गाय के दूध के जैसा होता है। गठिया रोगियों के लिए यह दूध बहुत उपयोगी है।