Yoga In Corona: प्राणवायु प्राणायाम से होता है सकारात्मक ऊर्जा का बहाव, जानिए मेरठ के योग प्रशिक्षक की राय

प्राणवायु प्राणायाम से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का बहाव होता है। क्योंकि इस प्रणायाम में प्रणायाम विधा के तीनों घटकों पूरक रेचक और कुंभक का बढ़ते क्रम में अभ्यास किया जाता है। निरंतर योग करते रहने से कोरोना से भी बचाव होता है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 04:34 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 04:34 PM (IST)
Yoga In Corona: प्राणवायु प्राणायाम से होता है सकारात्मक ऊर्जा का बहाव, जानिए मेरठ के योग प्रशिक्षक की राय
प्राणवायु प्रणायाम करने के अनेक लाभ हैं। इससे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

मेरठ, जेएनएन। Yoga In Corona कोरोना संकट के इस दौर में योग बेहद लाभकारी साबित हो रहा है। प्राणवायु प्राणायाम से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का बहाव होता है। क्योंकि इस प्राणायाम में प्राणायाम विधा के तीनों घटकों पूरक, रेचक और कुंभक का बढ़ते क्रम में अभ्यास किया जाता है। जिससे सामान्य श्वास की अपेक्षा आठ गुना अधिक मात्रा में आक्सीजन वृद्धि होती है। यह कहना है योग प्रशिक्षक सुनील सैन का।

ऐसे करें प्राणवायु प्रणायाम

पदमासन में रीढ़-गर्दन सीधी करके बैठते हैं। दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें और आंखे बंद रखें। दोनों नासिकाओं द्वारा धीरे-धीरे श्वास को भरते जाएं और चेस्ट को ऊपर की ओर उठाते जाएं। जब तक कि अंदर से ये संकेत ना मिल जाए कि अब श्वास को अंदर भरना संभव नहीं है। अब गर्दन को पीछे थोड़ा सा मोड़कर आंतरिक कुंभक में यथाशक्ति रुकें। जब श्वांस को अंदर रोकना सहज ना लगे तो चेस्ट को धीरे-धीरे सामान्य करते हुए श्वांस को बाहर निकालते जाएं। श्वांस के अधिकाधिक बाहर हो जाने पर शांत बैठें और इसे दोहराएं।

फायदे

- श्वास भरते समय चेस्ट को ऊपर उठाते जाने से सामान्य श्वांस की अपेक्षा आठ गुना अधिक मात्रा में आक्सीजन का संचार करते हैं।

- श्वासं की आंतरिक कुंभक में रुकने की क्षमता बढ़ती है। जिससे फेफड़े मजबूत होते हैं।

- श्वसन तंत्र पुष्ट होता है और प्राणवायु ग्रहण और धारण करने की अवधि बढ़ती है।

- पिट्यूटरी ग्रंथि से सकारात्मक बहाव तुंरत शुरू हो जाता है। जिससे डिप्रेशन दूर होता है। 

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