Shri Ji Yatra: मेरठ में उत्साह और भक्ति भाव के साथ निकली स्वर्ण अश्वरथ पर विराजमान श्री जी की यात्रा
Shri Ji Yatra मेरठ में शुक्रवार को पूर्ण भक्ति भाव दिखा। श्रद्धालु यात्रा में भक्तजनों पर झूमते हुए चल रहे थे। भगवान आदीनाथशान्तिनाथ महावीर भगवान के जयकारे लगाये। मुख्य आर्कषण युवा और युवती मंडल का केसरिया परिधान का था। यात्रा के दौरान काफी उत्साह दिखा।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर असोडा हाउस एवम् श्री दिगम्बर जैन मन्दिर पश्चिमी कचहरी रोड की वार्षिक रथ यात्रा उत्साह और भक्ति भाव के साथ निकाली गई। मूलनायक शांतिनाथ भगवान की मूर्ती का प्रक्षालन करने का सौभाग्य सक्षम, हर्षित, आर्जव को मिला एवं रजत झारी द्वारा शांति धारा का सौभाग्य अजय, संजय, मनोज, वीन जैन ने कुबेर बन, नृत्य कर कुबेर जी को विराजमान करा कर शोभायात्रा निकाली गई।
महावीर भगवान के जयकारे
श्रद्धालु यात्रा में भक्तजनों पर झूमते हुए चल रहे थे। भगवान आदीनाथ,शान्तिनाथ, महावीर भगवान के जयकारे लगाये। तान्या जैन ने चंवर लेकर जो नृत्य किया। यात्रा मे मुख्य आर्कषण युवा और युवती मंडल का केसरिया परिधान का था। यह यात्रा पश्चिमी कचहरी मार्ग से आरजी डिग्री-इन्टर कालिज, बेगमपुल-तिलक रोड-पीएलशर्मा रोड होते हुए महावीर जिनालय पाण्डुक शिला पहुंची जहां पूजा अर्चना कर कलशो द्वारा श्रीजी का अभिषेक किया गया। रथ यात्रा मे मुख्य सहयोग राकेश जैन, श्रीयांस, पूनम, विपिन, सुभाष आदि मौजूद रहे।
विश्वकर्मा जयंती पर हवन-पूजन
मेरठ के लावड़ में दौराला-मसूरी मार्ग स्थित सब्जी मंडी के समीप माता महाकाली मंदिर के प्रांगण में विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर शुक्रवार सुबह हवन व पूजन कर प्रसाद बांटा गया। जिसमें श्रध्दालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पंडित मांगेराम अध्यक्ष रामकिशन सैनी ने बताया कि शुक्रवार को लावड़ स्थित माता महाकाली मंदिर के प्रांगण में विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर शुक्रवार सुबह हवन व पूजन कर प्रसाद बांटा गया। उन्होंने बताया कि पूरे देशभर में आज विश्वकर्मा जयंती मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।
संचालित होता है जीवन
विश्वकर्मा जी को ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र के रूप में भी माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ही ऐसे देवता हैं जो हर काल में सृजन के देवता रहे हैं व सम्पूर्ण सृष्टि में जो भी चीजें सृजनात्मक हैं, जिनसे जीवन संचालित होता है वह सब भगवान विश्कर्मा की देन है। अत: इसी श्रद्धा भाव से किसी कार्य के निर्माण और सृजन से जुड़े हुए लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करते हैं।
यह रहे मौजूद
इस दिन सभी कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं साथ ही व्यापार में तरक्की और उन्नति प्राप्त होती है। इस दौरान कोषाध्यक्ष सुभाष सैनी, सदस्य हुकम सैनी, रोहतास सैनी, सुकन विश्वकर्मा, अशोक सैनी, नवाब सैनी आदि मौजूद रहे।