अर्जुन बनाया, द्रोण कब बनेंगे, कुश्ती के कोच जबर सिंह को द्रोणाचार्य अवार्ड दिलाने में जुटे पहलवान
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुश्ती हाल से ऐसी कई महिला मल्ल निकलीं। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीता। ऐसे खिलाडिय़ों को अर्जुन बनाने वाले कुश्ती के कोच डा. जबर ङ्क्षसह सोम पिछले कई साल से द्रोणाचार्य अवार्ड की आस लगाए हुए हैं!
मेरठ, जेएनएन। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुश्ती हाल से ऐसी कई महिला मल्ल निकलीं। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीता। ऐसे खिलाडिय़ों को अर्जुन बनाने वाले कुश्ती के कोच डा. जबर ङ्क्षसह सोम पिछले कई साल से द्रोणाचार्य अवार्ड की आस लगाए हुए हैं, लेकिन अभी तक
द्रोण नहीं बन पाए। इस बार खिलाड़ी अपने गुरु को द्रोण बनाने की कोशिश में जुटे हैं।
विश्वविद्यालय में पिछले चार दशक से जबर ङ्क्षसह सोम महिला पहलवानों को तैयार कर रहे हैं। 1967 से 2006 तक विश्व कुश्ती में भारत के खाते में कोई पदक
नहीं आया था। जबर ङ्क्षसह की कोशिश और अलका तोमर की मेहनत से 39 साल बाद वर्ष 2006 में कांस्य पदक मिला था। ओलंपिक छोड़कर कुश्ती के हर
मुकाबले में पदक जीतने वाली अर्जुन अवार्डीं अलका तोमर भी अपने गुरु को द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए प्रयासरत हैं। उनका कहना है कि अगर नियम और अंकों के
आधार पर चयन हो तो गुरुजी को अवार्ड मिलने से कोई रोक नहीं सकता है। उनके साथ कई खिलाड़ी अवार्ड को लेकर अभियान भी चलाएंगे।
विश्व फलक पर चमकी मल्ल
विवि से डा. जबर सिंह सोम के प्रयास से कई महिला मल्ल ने इंटरनेशनल कुश्ती प्रतियोगिताओं में पदक जीता है। इसमें अलका तोमर के अलावा ङ्क्षप्रयका
ङ्क्षसह, गार्गी यादव, रजनी, शीतल तोमर, पूजा तोमर, इंदू तोमर, अनुराधा तोमर, निशा तोमर, अर्चना तोमर, रुबी चौधरी, कविता, इंदू चौधरी, जस्मिन सोम, अपूर्वा त्यागी, दिव्यांशी, दिव्या तोमर, अंजू चौधरी, मनु तोमर, अंशु गुर्जर, दीप्ति राजपूत, बबीता आदि शामिल हैं। जिन्होंने अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में 19 स्वर्ण, 16 रजत, 41 कांस्य सहित कुल 76 पदक जीते हैं। जबकि राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 282 से अधिक पदक जीत चुके हैं।