विश्व शाकाहार दिवस 2020: शाकभाजी, फल और दूध जीवन का आधार, कोरोना काल में मांसाहार छोड़ अपना रहे शाकाहार
विश्व शाकाहार दिवस पर विशेष शाकाहार खुशी व जीवन वृद्धि की संभावनाओं को बढ़ाता है। कोरोना काल में मांसाहार छोड़कर शाकाहार अपना रहे लोग। शाकाहार ने लोगों को जीवन ही बदल दिया है। शाकाहार के बहुत फायदे हैं।
मेरठ, [विनय विश्वकर्मा]। दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग शाकाहार अपना रहे हैं। इनकी संख्या कोरोना काल में तेजी से बढ़ रही है। कोविड संक्रमण के कारण अब बहुत लोग मांसाहार की बजाय अपनी जीवनशैली में सब्जियों और फलों का सेवन अधिक करने लगे हैं। पूर्ण रूप से शाकाहार अपनाने वाले लोगों का मानना है कि यह भोजन हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है। दुनियाभर में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जिन्होंने मांसाहार छोड़कर हमेशा के लिए शाकाहारी जीवन को आधार बना लिया है।
पांच वर्ष पूर्व अपनाया शाकाहार : राहुल कुमार
किशनपुरा बागपत रोड निवासी राहुल कुमार टेलीकाम व्यवसायी हैं। वह पांच साल पहले तक मांसाहारी थे। लेकिन एक घटना ने उनका जीवन ही बदल दिया। उसके बाद उन्होंने कभी भी मांसाहार न खाने का प्रण लिया और हमेशा के लिए शाकाहार अपना लिया। राहुल कहते हैं कि यह केवल एक भ्रांति है कि मांसाहार में ही पोषक तत्व अधिक होते हैं। इससे कहीं अधिक पोषक तत्व शाकभाजी, फल व दूध में पाए जाते हैं।
हरी सब्जियां व दूध कहीं अधिक पौष्टिक : मोहित उपाध्याय
फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले भोला रोड मुल्ताननगर निवासी मोहित उपाध्याय कहते हैं कि किसी भी जीव को मारकर खाना मन को स्वीकार नहीं हुआ तो हमेशा के लिए शाकाहार अपनाने का प्रण लिया। घर में पहले से ही सभी लोग शाकाहारी हैं। वह हरी सब्जियों का सेवन करते हैं। मोहित का कहना है कि मांसाहार से अधिक सभी हरी सब्जियों व दूध के उत्पाद अपने आप में सर्वगुण संपन्न हैं। अब वह दूसरों को मांसाहार छोड़कर शाकाहार अपनाने के लिए जागरूक करते हैं।