World Tourism Day: इंजीनियरिंग छोड़कर लिख रहे घुमक्कड़ी का अफसाना, सहारनपुर को पर्यटन स्‍थल के रूप में ला रहे सामने

अरविंद वर्मा पेशे से मेकैनिकल इंजीनियर हैं। पर्यटन करना उनका शौक है तो फोटोग्राफी का फन रगों में घुला है। फोटोग्राफी में वह इस कदर डूब चुके हैं कि इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर कैमरे से दुनिया भर में पर्यटन का आनंद ले रहे हैं।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 01:38 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 06:39 AM (IST)
World Tourism Day: इंजीनियरिंग छोड़कर लिख रहे घुमक्कड़ी का अफसाना, सहारनपुर को पर्यटन स्‍थल के रूप में ला रहे सामने
एडवेंचर फोटो ग्राफर इंजीनियर अरविंद वर्मा द्वारा कैमरे से कश्मीर में बहती नदी का लिया गया चित्र।

संजीव गुप्ता, सहारनपुर। अरविंद वर्मा पेशे से मेकैनिकल इंजीनियर हैं। पर्यटन करना उनका शौक है, तो फोटोग्राफी का फन रगों में घुला है। फोटोग्राफी में वह इस कदर डूब चुके हैं कि इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर कैमरे से दुनिया भर में पर्यटन का आनंद ले रहे हैं। वह लद्दाख और कश्मीर की पहाडिय़ों तथा दुर्गम नदियों को कैमरे में कैद करते हैं, तो पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी अपनी फोटोग्राफी से देते हैं। अब सहारनपुर के ऐतिहासिक भवनों और स्थलों को अपनी फोटोग्राफी से पर्यटन स्थल के रूप में सामने लाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

शहर के न्यू माधव नगर निवासी अरविंद वर्मा को आठवीं कक्षा से ही ही पर्यटन व फोटोग्राफी का जुनून था। उन्होंने अपने जेब खर्च के पैसे बचाकर क्लिक-3 पर कैमरा खरीदा था। शुरुआती दौर में कंपनी बाग सहित कई अन्य स्थलों की फोटोग्राफी की। देहरादून जाना होता था तो शिवालिक के जंगलों में वन्यजीवों के फोटो खींचने शुरू कर दिए। दुधवा नेशनल पार्क, राजाजी नेशनल पार्क में हाथियों के झुंड की वह फोटो आज भी उन्हें याद हैं।

झुंड में छोटे हाथी सुल्तान से दोस्ती हो गई। जब भी वहां फोटोग्राफी के लिए जाते तो सुल्तान दूर से ही उन्हें पहचान लेता था। अपने लद्दाख दौरे के दौरान अरविंद ने क्षेत्र की नदियों और मनोरम पहाडिय़ों को अपने कैमरे में कैद किया। लद्दाख, श्रीनगर और सोनमर्ग क्षेत्र में सिंधु नदी की ली गई तस्वीरों सहित एडवेंचर फोटोग्राफी का बड़ा संग्रह उनके पास है।

करीब दो दशक पहले बद्रीनाथ में भागीरथी के उद्गम स्थल की फोटोग्राफी उन्हें पुराने दिनों की याद दिलाती है। अरविंद वर्मा हालांकि अब भवन निर्माण के काम में जुटे हुए हैं। वर्ष-2009 में उन्होंने डिजिटल कैमरा खरीदा और इसके बाद फोटोग्राफी का जुनून और बढ़ गया। जज्बा के नाम से एडवेंचर फोटोग्राफी मे खास पहचान बना चुके अरविंद वर्मा के पास तीन हजार से अधिक फोटो का संग्रह है।

वह अब सहारनपुर के ऐतिहासिक भवनों और स्थलों को पर्यटन के नक्शे पर लाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे है। उनका कहना है कि यदि सहारनपुर पर्यटन के नक्शे पर उभरेगा तो यहां रोजगार के अवसर बढ़ेगे। युवाओं का रुझान भी फोटोग्राफी की ओर बढ़ सकेगा। 

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