Corona Funeral: मेरठ में नहीं कम हो रही शवों की संख्या, अब कम पड़ी लकड़ी, मुजफ्फरनगर से आएगी
कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अकेले सूरजकुंड श्मशानघाट पर रोजाना 50 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। जिससे चिता की लकड़ी कम पड़ने लगी है।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अकेले सूरजकुंड श्मशानघाट पर रोजाना 50 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। जिससे चिता की लकड़ी कम पड़ने लगी है। इस कमी को दूर करने के लिए अब मुजफ्फर नगर स्थित वन विभाग के केलापुर डिपो से 400 कुंतल लकडी मंगाई जाएगी। रविवार को सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह मुजफ्फर नगर पहुंचे। वन विभाग के केलापुर डिपो के अधिकारियों के साथ वार्ता की। पहली खेप के रूप में 400 कुंतल लकड़ी भेजने का आर्डर दिया है। यह खेप बुधवार तक आ जाएगी। वहीं, सहायक नगर आयुक्त ने मेरठ वन विभाग से 300 कुंतल लकड़ी की डिमांड की है। जिसमें से 200 कुंतल लकड़ी मिल गई है। इस तरह से 700 कुंतल लकड़ी का इंतजाम नगर निगम ने कर लिया है। सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि लगभग 700 कुंतल लकड़ी का एक और प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। जरूरत पर यह डिमांड भी वन विभाग को भेज दी जाएगी।
सूरजकुंड पर रात नौ बजे तक 50 शवों का अंतिम संस्कार
रविवार को सूरजकुंड श्मशान घाट पर रात नौ बजे तक 50 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इसमें 20 कोरोना संक्रमित और 30 नान कोविड शव रहे। कोरोना संक्रमित शवों का पार्किंग स्थल और नान कोविड शवों का अंतिम संस्कार श्मशान घाट के अंदर पुराने शवदाह स्थलों पर किया गया।
बाले मियां क्रबिस्तान में 14 शव दफनाए गए
वहीं, हजरत बाले मियां कब्रिस्तान में रविवार को 14 शव दफनाए गए। कब्रिस्तान के प्रबंधक मुफ्ती मोहम्मद अशरफ ने यह जानकारी दी। कहा कि मिट्टी मिलने से शवों को दफनाने में परेशानी खत्म हुई लेकिन कीटनाशक दवा का छिड़काव होना चाहिए।