मेरठ : वट सावित्री व्रत में पूजन के साथ बरगद का पौधा रोपेंगी महिलाएं, जानें-बड़ अमावस्या पर शुभ मुहूर्त

धार्मिक मान्यता के साथ बरगद का पूजन करने वाली महिलाओं में इस बार इसका पौधा रोपने को लेकर भी उत्साह है। कोरोना जैसी महामारी को लेकर लोगों में पर्यावरण को लेकर अब अधिक सजगता नजर आ रही है। आज वट सावित्री व्रत रखेंगी महिलाएं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 09:00 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 09:00 AM (IST)
मेरठ : वट सावित्री व्रत में पूजन के साथ बरगद का पौधा रोपेंगी महिलाएं, जानें-बड़ अमावस्या पर शुभ मुहूर्त
व्रत महिलाओं को सावित्री के समान दृढ प्रतिज्ञ,पतिव्रता का संदेश देता है।

मेरठ, जेएनएन। वट सावित्री व्रत गुरुवार को है। धार्मिक मान्यता के साथ बरगद का पूजन करने वाली महिलाओं में इस बार इसका पौधा रोपने को लेकर भी उत्साह है। कोरोना जैसी महामारी को लेकर लोगों में पर्यावरण को लेकर अब अधिक सजगता नजर आ रही है। सदर बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय में ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष डा. भारत भूषण चौबे बताते हैं कि ज्येष्ठ अमावस्या को वट सावित्री का पूजन होता है। यह व्रत महिलाओं को सावित्री के समान दृढ प्रतिज्ञ, पतिव्रता और सास ससुर की सेवा करने का संदेश देता है। सावित्री के पति सत्यवान मृत्यु शैय्या पर थे और उन्हें लेकर सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे प्रार्थना की थी। अंतत: उनकी तपस्या से प्रसन्न यमराज ने उनके पति को प्राणदान दिया था। आशय यह कि यह पर्व समर्पण, सरोकार, सेवा भाव और पर्यावरण को बचाने का संदेश देता है।

इंपीरियल बैंक का लोगो होता था बरगद

कैंट स्थित स्टेट बैंक की मुख्य शाखा परिसर में स्थित एक बरगद शहर की ऐतिहासिक वित्तीय संस्था के बदलावों का भी साक्षी है। स्टेट बैंक की इस शाखा की स्थापना एक जुलाई 1955 को हुई थी। इसके पहले इसका नाम इंपीरियल बैंक होता था। आपको जानकर अचरज होगा कि ब्रिटिश हुकूमत द्वारा संचालित इंपीरियल बैंक का लोगो बरगद का पेड़ ही था। अंग्रेज भी बरगद के महत्व से वाकिफ थे। विशाल पेड़ के पास बनी पुरानी इमारत, जो अब बंद हो चुकी है, में बैंक की गतिविधियां चलती थीं। बैंक का स्वरूप जरूर बदल चुका है मगर विशाल बरगद आज भी विराजमान है। स्टेट बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी और जागरूक नागरिक एसोसिएशन के महासचिव गिरीश शुक्ला बताते हैं कि यह बरगद लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है।

हम संकल्प लेते हैं कि...

वर्षों से वट सावित्री व्रत पर बरगद का पूजन कर रही हूं। अब बहुएं टहनी का पूजन करती हैं तो मन दुखी होता है। इस बार मैं स्वयं बरगद का पौधा लगाउंगी, भविष्य में किसी को भटकना नहीं होगा।

- रूमा देवी, पल्हेड़ा मोदीपुरम

जागरण के इस अभियान 'वट से बंधे सांसों की डोर' से प्रेरित होकर इस बार वट सावित्री व्रत पर हमने बरगद का पौधा लगाने की संकल्प ले लिया है। ऐसी पहल से लोग पर्व मनाने की मूल भावना से जुड़ते हैं।

- नीलम, ई ब्लाक, शास्त्रीनगर

मैं विगत 28 वर्षों से वट सावित्री व्रत के दिन वट की टहनी की पूजा करती थी पर इस बार मैं संकल्प लेती हूं की एक बरगद का पौधा गमले में लगाऊंगी और उसकी पूजा करूंगी।फिर उस पौधे को पार्क में लगवा दूंगी जो हम सभी को वर्षो तक शुद्ध ऑक्सीजन देगा।

- सुरेखा जैन ,रघुकुल विहार, मेरठ

बड़ अमावस्या पर शुभ मुहूर्त

बड़ अमावस्या पर्व और शनिदेव का प्राकट्य दिवस गुरुवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर महिलाएं वट वृक्ष के नीचे परिवार की सौभाग्य की कामना को लेकर पूजन करेंगी। ज्योतिषविद् भारत ज्ञान भूषण ने बताया कि गुरुवार को सूर्य ग्रहण है, लेकिन इसका प्रभाव भारत में नहीं है। इसलिए सूतक नहीं लगेगा। उन्होंने कहा वट सावित्री के पूजन के समय टहनी का पूजन न कर वट वृक्ष की पूजन करें। ब्रह्मा और सावित्री का पूजन होता है। सुहागिनें बांस की दो टोकरियों में सात प्रकार के अनाज रखकर ले जाती हैं। मौसमी फल भी अॢपत किए जाते हैं। वट वृक्ष पर कच्चे सूत को बांधते हुए उसकी सात बार परिक्रमा करें। पूजन का शुभ समय सुबह 4.08 से 4.56 तक, लाभ अमृत योग सुबह 8.08 से 9.56 तक और अभिजीत मुहूर्त 11.59 से 12.53 तक रहेगा। बिल्वेश्वर संस्कृत महाविद्यालय के ज्योतिष विभाग अध्यक्ष डा. भारत भूषण चौबे ने बताया कि शनि देव के प्राकट्य दिवस पर उनके विग्रह पर तेलाभिषेक व गरीबों को दान देना चाहिए। 

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