भराला के जल संरक्षण मॉडल पर पूरे प्रदेश में काम कराएंगे : सीएम

भराला गांव के प्रधान उपेंद्र सिंह गांव में तालाबों के ओवरफ्लो पानी से छह किसानों के खेतों में सिचाई करा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Jul 2020 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 23 Jul 2020 08:00 AM (IST)
भराला के जल संरक्षण मॉडल पर पूरे प्रदेश में काम कराएंगे : सीएम
भराला के जल संरक्षण मॉडल पर पूरे प्रदेश में काम कराएंगे : सीएम

जेएनएन, मेरठ। भराला गांव के प्रधान उपेंद्र सिंह गांव में तालाबों के ओवरफ्लो पानी से छह किसानों के खेतों में सिचाई करा रहे हैं। गांव में पांच हैंडपंप के पास वाटर पिट बनवाई गई है। इससे पानी भूगर्भ में चला जाता है। श्मशान और सरकारी स्कूलों में भी ढलाव बनवाकर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार कराया है। प्रधान ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जल संरक्षण का यह मॉडल पेश किया। उन्होंने पानी की बर्बादी करने वाले लोगों के विरुद्ध वाटर एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग भी की। मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण के इस मॉडल की सराहना की तथा वादा किया कि इसपर पूरे प्रदेश में काम कराया जाएगा।

भूगर्भ जल सप्ताह के समापन समारोह का बुधवार को पूरे प्रदेश में ऑनलाइन आयोजन किया गया। लखनऊ से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ सभी आला अधिकारी शामिल थे तो प्रत्येक जनपद मुख्यालय की एनआइसी पर जल संरक्षण के लिए काम करने वाले दस-दस लोगों को बुलाया गया। मेरठ में कई किसानों, एनजीओ के पदाधिकारियों आदि को बुलाया गया। इस दौरान मेरठ के भराला गांव के प्रधान उपेंद्र सिंह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बात की। उन्होंने अपना जल संरक्षण मॉडल बताया। डीएम अनिल ढींगरा ने भी इस मॉडल की प्रशंसा की। इस दौरान सीडीओ ईशा दुहन, किसान सौदान सिंह, एनजीओ से अनीता राणा, अंकुश चौधरी शामिल रहे।

गिरते भूगर्भ जल स्तर पर गंभीर हो जाएं अधिकारी

मुख्यमंत्री ने इस दौरान अफसरों को चेताया कि गिरते भूगर्भ जलस्तर पर वे गंभीर हो जाएं। ज्यादा से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट बनवाकर, फसल चक्र का पालन करके तथा आम जनता का जल संचयन में सहयोग लेकर जल संरक्षण के लिए काम किया जाए। प्रत्येक भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाए। जनसहभागिता से प्रदेश को जल समृद्ध प्रदेश बनाया जा सकता है। प्रदेश के कई ब्लाक डार्क जोन में हैं। वहां काम कराना होगा।

प्रधान उपेंद्र का जल संरक्षण मॉडल

- सबमर्सिबल से पहले टैंक को भरा जाए। टैंक के पानी से सभी काम किए जाएं, तो पानी की बर्बादी कम होगी।

- तालाब पर सोलर पंप लगवा दिया जाए तो किसान का खेत कुछ देर में ही भर जाएगा।

- तालाब के पानी से सिचाई करने पर उसे खाद और फर्टिलाइजर की भी जरूरत नहीं होगी।

- शहर के नालों के पानी का भी सिचाई में उपयोग किया जाए।

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